नई दिल्ली: भारत में सरकारी नौकरी का एक अलग ही पहचान है. लोग सरकारी नौकरी की आस में कई साल तक तैयारी करते हैं. कुछ के नसीब में होते है तो कुछ के नसीब में नहीं.
नई दिल्ली: भारत में सरकारी नौकरी का एक अलग ही पहचान है. लोग सरकारी नौकरी की आस में कई साल तक तैयारी करते हैं. कुछ के नसीब में होते है तो कुछ के नसीब में नहीं. इसके लिए कई स्टूडेंट्स महंगे-महंगे सस्थानों में तैयारी करते हैं, लेकिन इसके बावजूद भी वो परीक्षा पास नहीं कर पाते. आज हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं जहां के अधिकांश लोग सरकारी नौकरी करते है.
दरअसल मध्य प्रदेश के धार जिले के इस गांव को अधिकारियों के गांव के नाम से भी मशहूर है. इस गांव के हर घर में सरकारी नौकरी करने वाले लोग है. इस गांव की साक्षरता दर 90% है. सबसे ज्यादा हैरानी की बात यह है कि इस गांव के बच्चे हायर सेकंड्री स्कूल में पढ़ाई करने बाद ही सरकारी नौकरी पा लेते हैं. यहां की स्कूल की पढ़ाई ऐसी है कि शहरों के महंगे-महंगे स्कूल भी इसके सामने फेल हो जाते हैं.
आज जो हम चर्चा कर रहे है वह है धार जिले के डही विकासखंड के अंदर आने वाले गांव की, जहां हर घर में सरकारी नौकरी है. यहां के बच्चे पढ़ाई के साथ ही तैयारी में भी जुट जाते हैं. इस गांव की जनसंख्या 5000 से अधिक है. इसमें से 900 से अधिक सरकारी कर्मचारी हैं. कहा जाता है कि इस गांव के हर घर में एक सरकारी नौकरी है. इस गांव के कई बच्चे आज अमेरिका और मलेशिया जैसे देशों में भी सेटल हो चुके हैं.
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