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ये इंसान निगल गया था पूरा हवाई जहाज, नौ टन धातु को मूंगफली जैसे चबाया, नहीं पचता था नॉर्मल खाना 

फ्रांस के रहने वाले मिशेल लोटिटो को अजीबोगरीब चीजें खाने के लिए जाना जाता था। वह इतने असामान्य व्यक्ति थे कि उन्होंने एक पूरा हवाई जहाज ही खा लिया था। जी हां, सुनकर आपको यकीन नहीं हो रहा होगा, लेकिन यह बिल्कुल सच है।

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Michel lotito
  • November 23, 2024 11:07 am Asia/KolkataIST, Updated 1 month ago

नई दिल्लीः आपने धरती पर अजीबोगरीब लोगों के बारे में सुना होगा। इन लोगों ने अपने अनोखे कारनामों की वजह से गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम भी दर्ज किया है। ऐसे ही एक शख्स थे फ्रांस के रहने वाले मिशेल लोटिटो। उन्हें अजीबोगरीब चीजें खाने के लिए जाना जाता था। वह इतने असामान्य व्यक्ति थे कि उन्होंने एक पूरा हवाई जहाज ही खा लिया था। जी हां, सुनकर आपको यकीन नहीं हो रहा होगा, लेकिन यह बिल्कुल सच है।

कांच के टुकड़े भी खा लेते थे मिशेल 

मिशेल लोटिटो का जन्म 15 जून 1950 को फ्रांस के ग्रेनोबल में हुआ था। उन्होंने 16 साल की उम्र से ही असामान्य चीजें खाना शुरू कर दिया था। मेडिकल टर्म में उनकी बीमारी को पिका कहते हैं। इस बीमारी में लोग इंसानी खाना नहीं पचा पाते, जबकि असामान्य चीजें वे आसानी से पचा लेते हैं। शुरुआत में लोटिटो अपने नाखून से लेकर कांच के टुकड़े तक सब कुछ खा लेते थे और उन्हें आसानी से पचा लेते थे।

नहीं पचता था सामान्य खाना 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, लोटिटो केले, उबले अंडे या ब्रेड जैसी सामान्य चीजें नहीं पचा पाते थे, लेकिन वे धातु की चीजें आसानी से पचा लेते थे। बेशक, दुनिया भर के लोगों को उसका ऐसा करना अजीब लगा, लेकिन लोटिटो ने इसका सही इस्तेमाल किया। 1966 में, उसने इसका प्रदर्शन करना शुरू किया और लोग उसे यह सब करते देखने के लिए टिकट खरीदते थे।

इस तरह से खाता था धातु 

लोटिटो लोगों के सामने बैठकर बिस्तर से लेकर साइकिल, टीवी सेट, कंप्यूटर और कई अन्य धातु की वस्तुओं तक सब कुछ खा जाता था। धातु की वस्तुओं को खाने के लिए, वह पहले उन्हें छोटे टुकड़ों में काटता था और फिर उन्हें बराबर मात्रा में पानी और खनिज तेल के साथ खाता था। वह ऐसा इसलिए करता था क्योंकि इससे उसका गला चिकना हो जाता था और धातु की वस्तुओं को निगलना आसान होता था।

नौ टन धातु खाया

डॉक्टरों के अनुसार, लोटिटो के पेट की आंतों में एक मोटी सुरक्षात्मक परत बन गई थी, जो सामान्य मनुष्यों में नहीं पाई जाती है। लोटिटो का नाम पूरी दुनिया में तब फैल गया जब 1978 में उन्होंने सेसना 150 हवाई जहाज को सिर्फ़ दो साल में यानी 1980 तक पूरी तरह खा लिया। एक अनुमान के मुताबिक 1959 से 1997 तक मिशेल लोटिटो ने करीब नौ टन धातु खा ली थी। 25 जून 2007 को 57 साल की उम्र में लोटिटो की मौत हो गई।

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