नई दिल्ली: भारत में अपराधियों को कई तरह की सजा दी जाती है, अपराध जैसा होता है उसी के मुताबिक उसे सजा दी जाती है. अगर अपराध बहुत ही गंभीर है तो सजा उम्रकैद तक भी सुनाई जाती है. हालांकि जेल में कुछ ऐसे कैदी भी होते हैं जो किसी मज़बूरी में अपराध की दुनिया में आ जाते हैं. ऐसे कैदियों के लिए अलवर जेल ने एक बेहतर रुख अपनाया है.
इन दिनों अलवर जेल सुर्ख़ियों में है. इस जेल में कैदियों को आत्मनिर्भर होने की ट्रेनिंग दी जा रही है. कैदियों को उनकी पसंद की चीजें बनाने के लिए ट्रेनिंग दिया जाता है ताकि सजा काटकर जेल से निकलें तो वो अपनी खुद का फ़ूड स्टॉल शुरू कर पाएं. कैदियों के लिए जेल में ही ट्रेनिंग की व्यवस्था की गई है. साथ ही जो कैदी पढ़ाई करना चाहते हैं उन्हें भी सुविधा दी जा रही है. इन दिनों अलवर जेल मिसाल बना हुआ है.
भारत में आप कहीं भी चले जाएं, आपको फास्ट फूड के ठेले दिख ही जाएंगे. लोग इसे बहुत पसंद करते हैं. इस स्थिति में जेल प्रशासन ने कैदियों को फास्ट फूड बनाने की ट्रेनिंग देने की रुख अपनाया है. इसके तहत कैदियों को बर्गर, छोले-भटूरे, चौमिन-चिल्ली आदि बनाने का ट्रेनिंग दिया जा रहा है. साथ भी पढ़ाई की भी सुविधा दी जा रही है. इसका मकसद सिर्फ यह है कि जेल से निकलने के बाद कैदी वापस अपराध की दुनिया में ना चले जाएं.
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