नई दिल्ली, Indian Army भारतीय सेना अपनी बहादुरी से देश के कई जवानों को प्रेरित तो करती ही है लेकिन इस बार भारतीय सेना ने कुछ ऐसा किया जिससे पूरा देश एक बार फिर इनका मुरीद हो चुका है.
भारतीय सेना के जवानों ने इस बार किश्तवाड़ जिले कश्मीर में जन्म से ही दिव्यांग बलाक को व्हीलचेयर और मासिक पेंशन की व्यवस्था कर सभी का दिल जीत लिया है. इस बात की जानकारी सेना के एक नौजवान ने दी है. जानकारी के मुताबिक, कश्मीर स्थित किश्तवाड़ जिले के सुदूर पहाड़ी क्षेत्र में नौ साल के वारिस हुसैन वानी सेना की नज़र में तब आ गया जब वह बाजार से सब्ज़ी लेते हुए लौट रहा था. अकेले लड़के को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था.
जम्मू विभाग के अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने बताया, उस समय वारिस को भीषण ठंड से चलने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था. उस समय सैनिकों ने उसे घर पहुंचा दिया लेकिन वह उसके लिए सिर्फ इतना कर संतोष नहीं रखना चाहते थे. उन्होंने इस पूरे मामले को सिविल अधिकारीयों के संज्ञान में लेकर वारिस के लिए व्हीलचेयर और समाज कल्याण विभाग द्वारा एक हजार रुपये की मासिक पेंशन की व्यवस्था करवाई.
सेना ने जब वारिस को देखा तब वह समझ गए कि पैर में परेशानी होने के बावजूद भी उसकी हिम्मत और इच्छाशक्ति किसी सेना के जवान से कम नहीं है. जानकारी के अनुसार वह इसी स्थिति में स्कूल जाता है और पढ़ाई करता है. अपने अधिकांश काम भी वह स्वयं ही करता है. साथ ही वारिस बड़ा होकर स्कूल में शिक्षक भी बनना चाहता है. भारतीय सेना और इस बच्चे की कहानी अब सोशल मीडिया पर सभी के दिल को छू रही है. चौथी कक्षा का ये छोटा लड़का गांव में सभी युवकों को प्रेरित कर रहा है.
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