नई दिल्ली: राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में एक ऐसा गांव मौजूद है जहां पर बड़ी ही अजीबो-गरीब परंपरा का पालन किया जाता है। इस गांव में यह परंपरा करीब 300 सालों से चली आ रही है और इसी परंपरा का कारण गांव के किसी भी घर में एक भी दरवाजा देखने को नहीं मिलता है। […]
नई दिल्ली: राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में एक ऐसा गांव मौजूद है जहां पर बड़ी ही अजीबो-गरीब परंपरा का पालन किया जाता है। इस गांव में यह परंपरा करीब 300 सालों से चली आ रही है और इसी परंपरा का कारण गांव के किसी भी घर में एक भी दरवाजा देखने को नहीं मिलता है।
जानकारी के मुताबिक यह भीलवाड़ा जिले में अनूठा सारण का खेड़ा गांव है। जिसने भी सारण का खेड़ा गांव में अपने घर में दरवाजा लगवाए, तभी उसने तुरंत ही उन दरवाजों को हटवा दिया। इस कारण उसे काफी बुरे हालातों का सामना करना पड़ा। ऐसा माना जाता है कि एक महात्मा का वरदान इस गांव को मिला हुआ है। गांव में बने घरों में दरवाजा ना लगाने की सलाह महात्मा ने ही लोगों को दी थी। गांव वालों का मानना है कि इस गांव की हिफाजत महात्मा ही करते हैं। इसी वजह से इस गांव में कोई भी शख्स अपने घर में दरवाजा नहीं लगवाता।
इस परंपरा का पालन करने के बाद भी इस गांव में एक भी चोरी का मामला दर्ज नहीं हुआ है। इस गांव में बिना दरवाजों के100 से ज्यादा परिवार यूं ही रहते हैं। इस गांव में यह प्रथा 300 सालों से चली आ रही है। जानवरों से बचने के लिए गांव के लोग केवल लकड़ी की जालीनुमा टांटी लगाते हैं, जिससे आवारा पशु या पालतू जानवर घर में नहीं घुस सके। ग्रामीणों का दावा है कि इस परंपरा को तोड़ने का जिस भी व्यक्ति ने प्रयास किया है, उसे अपने बुरे हालात से गुजरना पड़ा है। इस वजह से गांव में दरवाजा लगाने की गलती कोई भी परिवार नहीं करता है।
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