नई दिल्ली। आज मीम्स ने सोशल मीडिया पर एक अलग ही जगह बना ली है। यही नहीं मीम्स की दुनिया इतनी बड़ी हो चुकी है कि अगर आप मीम्स देखना शुरू करेंगे तो पूरा दिन खत्म हो जाएगा लेकिन मीम्स नहीं खत्म होंगे। ऐसे में आपको जिस तरह के मीम्स पसंद हैं वैसे मीम्स आपको […]
नई दिल्ली। आज मीम्स ने सोशल मीडिया पर एक अलग ही जगह बना ली है। यही नहीं मीम्स की दुनिया इतनी बड़ी हो चुकी है कि अगर आप मीम्स देखना शुरू करेंगे तो पूरा दिन खत्म हो जाएगा लेकिन मीम्स नहीं खत्म होंगे। ऐसे में आपको जिस तरह के मीम्स पसंद हैं वैसे मीम्स आपको देखने को मिलेंगे। जैसे की अगर आपको कॉमेडी पसंद है तो आपको कॉमेडी से जुड़े मीम्स देखने को मिलेंगे। लेकिन अगर आपको राजनीति से जुड़े मीम्स पसंद हैं तो आपको वही दिखाई देंगे। लेकिन क्या आपको ये पता है कि इन मीम्स का कॉन्सेप्ट कहां से आखिर कहां से आया?
दरअसल, मीम्स एक आर्ट हैं। इसे आमतौर पर कई मामलों या प्रसिद्ध व्यक्तियों के लिए विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्मों पर साझा किया जाता है। अक्सर ये मीम्स एक छवि, वीडियो या पाठ के साथ एक हास्यास्पद या विचारवान मंच के रूप में दिखाई देते हैं। आइए जानते हैं मीम्स के बारे में सबकुछ।
बता दें कि मीम्स की शब्दिक उत्पत्ति यूनानी शब्द ‘मीमेमा’ से हुई है, जिसका अर्थ है ‘नकल’ या ‘कॉपी’। मीम्स शब्द का इस्तेमाल पहली बार डब्ल्यूएस स्कॉट व्हाइटल द्वारा 1976 में उनकी पुस्तक “थे सेल्फिश जीन” में किया गया। इसमें उन्होंने विचारवादी रिसर्च किया। जिसके बाद मीम्स का प्रसार इंटरनेट की उपस्थिति के साथ-साथ बढ़ने लगा। यहां, व्यक्तिगत और सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्मों पर उपयोगकर्ताओं द्वारा नवीनतम समाचार, मूड और अद्भुतता के अनुभवों को एक-दूसरे के साथ शेयर करने का एक माध्यम बन गया।
वहीं अगर बात करें मीम्स के कई प्रकारों की तो, मीम्स कई तरह के होते हैं जैसे- फोटो मीम्स, वीडियो मीम्स, जीआईएफ़ और टेक्स्ट मीम्स। हर मीम्स अपनी अलग खासियत और प्रसिद्धी रखता है। सोशल मीडिया पर मीम्स का उपयोग अब एक व्यापक सामूहिक मनोरंजन और सामाजिक संचार का माध्यम बन चुका है। इसके अलावा, मीम्स का इस्तेमाल राजनीतिक, सामाजिक और व्यापारिक संदेशों को प्रसारित करने के लिए भी किया जाता है।