भोपाल: भारत एक ऐसा देश हैं जहां कई मंदिर स्थित हैं. ज्यादातर मंदिरों के ऐसे किस्से है, जिनपर विश्वास करना काफी मुश्किल है, लेकिन कहते हैं ना कि जब आंखों के सामने प्रमाण हो और मन में विश्वास हो तो हर असम्भव चीज भी संभव नजर आने लगती है. ऐसा ही एमपी के खजुराहो में […]
भोपाल: भारत एक ऐसा देश हैं जहां कई मंदिर स्थित हैं. ज्यादातर मंदिरों के ऐसे किस्से है, जिनपर विश्वास करना काफी मुश्किल है, लेकिन कहते हैं ना कि जब आंखों के सामने प्रमाण हो और मन में विश्वास हो तो हर असम्भव चीज भी संभव नजर आने लगती है. ऐसा ही एमपी के खजुराहो में स्थित एक शिव मंदिर के बारे में प्रचलित है, जिसपर यकीन करना बहुत ही मुश्किल है, लेकिन साइंस भी इस बात से अचंभित है।
खजुराहो के मंदिर में स्थित शिवलिंग को जिंदा कहा जाता है. यूं तो लोग शिवलिंग की पूजा आस्था एवं श्रद्धा के साथ करते हैं. इसे भगवान भोलेनाथ का प्रतीक माना जाता है, लेकिन खजुराहो के मंदिर में स्थित शिवलिंग बेहद ही अनोखा है. कहा जाता है कि इस शिवलिंग की लंबाई हर साल एक इंच तक बढ़ जाती है. इसके पीछे की वजह कोई भी नहीं जानता. यहां तक कि वैज्ञानिक ने भी इसका पता लगाने की कोशिश की, लेकिन नाकामयाब हो गए।
हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के खजुराहो में स्थित मतंगेश्वर महादेव मंदिर की. इस मंदिर से जुड़ी कई ऐसे मान्यताएं प्रचलित है. कहा जाता है कि एक चमत्कारिक मणि रत्न के ऊपर इस मंदिर का निर्माण कराया गया था. मान्यता अनुसार यह मणि स्वयं भगवान भोलेनाथ ने सम्राट युधिष्ठिर को प्रदान की थी जो हर मनोकामना पूरी करती थी. बाद में सम्राट युधिष्ठिर ने संन्यास धारण करते वक्त इसे मतंग ऋषि को दान कर दिया था. इसके बाद यह मणि राजा हर्षवर्मन के पास आई, जिन्होंने इस मणि के उपर मंदिर का निर्माण कराया।
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