नई दिल्ली: शेर को जंगल का राजा कहा जाता है क्योंकि उनका दहाड़ सुनकर बड़े-बड़े सदमे में पहुंच जाते हैं. लेकिन जरा सोचिए कोई शेर अपनी दहाड़ ही भूल जाए तो शायद ये बहुत बड़ी दुख की बात होगी. एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां शेर अपनी दहाड़ ही भूल गया. क्या है […]
नई दिल्ली: शेर को जंगल का राजा कहा जाता है क्योंकि उनका दहाड़ सुनकर बड़े-बड़े सदमे में पहुंच जाते हैं. लेकिन जरा सोचिए कोई शेर अपनी दहाड़ ही भूल जाए तो शायद ये बहुत बड़ी दुख की बात होगी. एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां शेर अपनी दहाड़ ही भूल गया.
दरअसल अजरबैजान के बॉर्डर पर मौजूद एक चिड़ियाघर में रुबेन नाम एक शेर है जो दहाड़ना ही भूल गया. रुबेन अजरबैजान सीमा पर बनाए गए चिड़ियाघर में रहता है. बता दें कि अपने मालिक की मृत्यु के बाद पिछले पांच सालों से एक छोटे से पिंजरे में बंद रहने के कारण रुबेन अन्य शेरों की संगति से दूर हो गया जिस कारण वह काफी कुछ भूल गया. सबसे दुखद बात ये है कि वह दहाड़ना भूल गया है।
जन क्रेमर नाम के वन्यजीव अभयारण्य अधिकारी ने कहा कि बस कभी कभार कर्कश तरीके से रोते है. चिड़ियाघर के अन्य सभी जानवरों को देख-रेख करने वाले मालिक की मृत्यु के बाद शेर परिवार के समूहों में रुबेन के लिए कोई जगह नहीं थी. इसलिए एक छोटे से पिंजरे में अकेले बंद कर दिया और वो धीरे-धीरे दहाड़ना और बातें करना भूलते चले गए.
हैरानी की बात है कि रुबेन ने पिछले 5 सालों से अपने चेहरे पर सूरज या हवा महसूस नहीं की है. रुबेन करीब 15 साल का है और उपेक्षा की वजह से एक संदिग्ध न्यूरोलॉजिकल स्थिति के साथ खराब स्थिति में छोड़ दिया है. अब कहा जा रहा है कि रुबेन को जल्द से जल्द दक्षिण अफ्रीका ले जाया जाएगा और वहां उसका इलाज किया जाएगा।
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