रांची: जहां एक तरफ दहेज़ साथ न लाने पर बेटियों को फांसी पर लटका दिया जाता है…हैवानियत की जाती है और उन्हें जला दिया जाता है… वहीं दूसरी ओर धनबाद से ऐसी खबर आ रही है जिसने समाज को एक बड़ी सीख दी है। इस खबर ने समाज को बेहद ही अच्छा संदेश दिया है […]
रांची: जहां एक तरफ दहेज़ साथ न लाने पर बेटियों को फांसी पर लटका दिया जाता है…हैवानियत की जाती है और उन्हें जला दिया जाता है… वहीं दूसरी ओर धनबाद से ऐसी खबर आ रही है जिसने समाज को एक बड़ी सीख दी है। इस खबर ने समाज को बेहद ही अच्छा संदेश दिया है कि बेटियां बोझ नहीं होतीं। दरअसल धनबाद के आकाश ने दहेज़ के नाम पर महज़ एक रुपये लेकर विवाह संपन्न किया और समाज को बेहद ही अच्छा संदेश देने का फ़र्ज़ निभाया।
दरअसल, आकाश ने शगुन में केवल 1 रुपये और 1 नारियल लेकर रांची की मुस्कान को अपना जीवनसाथी बनाया है। आकाश ने पहले ही बिना दहेज के शादी करने का फैसला कर लिया था। उसके माता-पिता ने भी इस फैसले का साथ किया। हालांकि शादी में दुल्हन की तरफ से 1 लाख 51 हजार और साथ में कुछ सामान दिया था लेकिन आकाश के पिता ने उसे वापस कर दिया। इससे लड़की के पिता असमंजस में पड़ गए। ऐसा लग रहा था कि कहीं गलती हो गई है, लेकिन जब आकाश और इसके परिजनों ने बताया कि उन्हें दहेज़ चाहिए ही नहीं… जब जाकर सभी ने चैन की सांस ली।
आकाश के परिजन ने शगुन या दहेज़ के रूप में 1 रुपये और 1 नारियल लेकर मुस्कान को अपनी बहू के रूप में अपनाया। पूरे इलाके में इस शादी की चर्चा जोरों पर है। शादी और पार्टी में आए रिश्तेदार और मेहमान इस शादी की खूब तारीफ कर रहे हैं। आपको बता दें कि 1 जून को बारात का जश्न मनाया गया। पार्टी में आए मेहमानों और रिश्तेदारों ने दूल्हा-दुल्हन को आशीर्वाद दिया। वहीं, आकाश ने कहा कि वह बिना दहेज के शादी करना चाहता था। आकाश ने जो किया उसके इस फैसले में उनके माता-पिता ने भी उनका साथ दिया।
वहीं, दुल्हन मुस्कान ने कहा कि उसने कभी नहीं सोचा था कि वह बिना दहेज के शादी करेगी। जब उसे पता चला तो वह बहुत खुश हुई। ऐसा पति और ससुराल पाकर वह खुद को बहुत खुशनसीब समझती हैं। वह रांची वाल्मीकि नगर की पहली लड़की है, जिसने बिना दहेज के शादी की। आकाश के पिता ने कहा कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है। पूरा परिवार बेहद खुश है और आकाश समाज को दहेज रहित शादी का संदेश देना चाहता है।