Advertisement

ब्लैक होल का काला सच, हर दिन खा जाता सूर्य जैसे एक को

नई दिल्ली :  ब्रह्मांड रहस्यमय वस्तुओं से भरा है और उनमें से सबसे खतरनाक ब्लैक होल है, एक ऐसी वस्तु जहां गुरुत्वाकर्षण इतना मजबूत है कि प्रकाश भी इससे बच नहीं सकता है, खगोलविदों ने अब एक भूखे ब्लैक होल को निशाना बनाया है। आज हम आपको बताते हैं कि ब्लैक होल में समा जाने […]

Advertisement
ब्लैक होल का काला सच, हर दिन खा जाता सूर्य जैसे एक को
  • September 28, 2024 8:58 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

नई दिल्ली :  ब्रह्मांड रहस्यमय वस्तुओं से भरा है और उनमें से सबसे खतरनाक ब्लैक होल है, एक ऐसी वस्तु जहां गुरुत्वाकर्षण इतना मजबूत है कि प्रकाश भी इससे बच नहीं सकता है, खगोलविदों ने अब एक भूखे ब्लैक होल को निशाना बनाया है। आज हम आपको बताते हैं कि ब्लैक होल में समा जाने वाले तारों का क्या होता है।

ब्लैक होल बनता कैसे है

जब कोई बड़ा तारा सुपरनोवा के रूप में विस्फोट करता है, तो इससे बहुत अधिक ऊर्जा निकलती है। इस विस्फोट के बाद तारे का बाहरी हिस्सा अंतरिक्ष में फैल जाता है, जबकि भीतरी हिस्सा भारी दबाव और घनत्व के कारण ब्लैक होल का निर्माण करता है। यह प्रक्रिया इतनी तेजी से होती है कि विस्फोट के कुछ ही देर बाद तारे का भौतिक रूप पूरी तरह से गायब हो जाता है और वह ब्लैक होल में बदल जाता है।

इवेंट होराइजन कैसे होता है

जब तारे ब्लैक होल के पास पहुंचते हैं, तो उनके साथ क्या होता है, यह एक बड़ा सवाल है। दरअसल, ब्लैक होल का गुरुत्वाकर्षण इतना शक्तिशाली होता है कि यह अपने पास आने वाली हर चीज को अवशोषित कर लेता है। चाहे वह प्रकाश हो या कोई ग्रह या तारा। जब यह घटना होती है, तो इसे इवेंट होराइजन कहते हैं। जब तारे ब्लैक होल के पास आते हैं, तो उनका बाहरी हिस्सा सबसे पहले ब्लैक होल को अपनी ओर खींचता है और इस प्रक्रिया से एक डिस्क बनती है, जिसे “एक्स्रीशन डिस्क” कहते हैं।

इसके बाद क्या होता है

जैसे ही तारा ब्लैक होल की ओर खिंचता है, तारे का पदार्थ ब्लैक होल के चारों ओर घूमने लगता है, वह अत्यधिक गर्म हो जाता है और इससे शक्तिशाली विकिरण उत्पन्न होता है। यह विकिरण एक्स-रे और गामा किरणों के रूप में हो सकता है, जो अंतरिक्ष में फैल जाते हैं। बाद में वैज्ञानिक इस विकिरण पर शोध करते हैं और ब्लैक होल और उसके आस-पास के वातावरण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करते हैं।

अंत में क्या होता है?

दरअसल, जैसे ही तारे का पदार्थ ब्लैक होल में समा जाता है, उसका भौतिक स्वरूप समाप्त हो जाता है। विज्ञान की भाषा में कहें तो एक बार जब कोई वस्तु इवेंट होराइजन को पार कर जाती है, तो उसे वापस नहीं लाया जा सकता। यह प्रक्रिया हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या वाकई पदार्थ और ऊर्जा का अंत होता है या वे किसी और रूप में बदल जाते हैं। सरल शब्दों में कहें तो वैज्ञानिक आज तक यह पता नहीं लगा पाए हैं कि ब्लैक होल में जाने वाली किसी भी चीज का क्या होता है।

 

यह भी पढ़ें :-

Advertisement