Schizophrenia: इंसान के दिमाग में डोपामाइन की मात्रा बढ़ने से होती है ये बीमारी, कल्पनाओं को मानने लगता है हकीकत

नई दिल्ली: Schizophrenia एक प्रकार की मानसिक समस्या है, जिसमें इंसान अपनी कल्पनाओं को सच मानने लगता है और हमेशा भ्रम के हालात में रहता है। दरअसल, हमारे दिमाग में डोपामाइन नाम का एक न्यूरोट्रांसमीटर होता है, जो दिमाग और शरीर के बीच कॉर्डनेशन को बनाए रखता है। लेकिन अगर इंसान के दिमाग में डोपामाइन […]

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Schizophrenia: इंसान के दिमाग में डोपामाइन की मात्रा बढ़ने से होती है ये बीमारी, कल्पनाओं को मानने लगता है हकीकत

Sajid Hussain

  • May 16, 2024 9:34 am Asia/KolkataIST, Updated 6 months ago

नई दिल्ली: Schizophrenia एक प्रकार की मानसिक समस्या है, जिसमें इंसान अपनी कल्पनाओं को सच मानने लगता है और हमेशा भ्रम के हालात में रहता है। दरअसल, हमारे दिमाग में डोपामाइन नाम का एक न्यूरोट्रांसमीटर होता है, जो दिमाग और शरीर के बीच कॉर्डनेशन को बनाए रखता है। लेकिन अगर इंसान के दिमाग में डोपामाइन की तादाद बढ़ जाती है, तो वह सिजोफ्रेनिया का शिकार हो जाता है।

इस मेन्टल हेल्थ से जूझने वाला शख्स काल्पनिक और हकीकत चीजों को समझने में भूल कर बैठता है, जिसकी वजह से सोचने-समझने की क्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ता है। सिजोफ्रेनिया आमतौर पर बचपन में या फिर जवानी में होने वाला मानसिक रोग है। इस मानसिक बीमारी से पीड़ित शख्स को अक्सर भ्रम होने के साथ ही भयानक सपने भी दिखाई देते हैं।

सिजोफ्रेनिया की निशानियां

1. सिजोफ्रेनिया से पीड़ित इंसान में हमेशा उदासीनता देखने को मिलती है।
2. आम लोगों की तरह सुख-दुख का एहसास नहीं होना।
3. किसी दूसरे व्यक्ति से बातचीत करना पसंद नहीं करना।
4. भूख-प्यास का ख्याल नहीं होना।
5. सिजोफ्रेनिया से पीड़ित लोगों का व्यवहार असामान्य होता है।
6. अजीब आवाजें सुनाई देती है।
7. किसी चीज का भ्रम होना और हमेशा भ्रांतियों में जीना
8. कई चीजें, इंसान या कोई अजीब सी चीजें दिखना और ऐसी बातें करना जिनका हकीकत से कोई वास्ता नहीं है।

सिजोफ्रेनिया की वजह

1. सिजोफ्रेनिया के पारिवारिक इतिहास वाले इंसानों में इस बीमारी के विकसित होने का खतरा ज्यादा होता है।
2. इंसान के मस्तिष्क में डोपामाइन का बढ़ना।
3. पैदा होने से पहले संक्रमण, कुपोषण, या तनाव, साथ ही बचपन की चोट की वजह।
4. करियर, बदलती दैनिक जिंदगी, टूटते परिवार, पैसा कमाने की रेस और घरेलू जिम्मेदारियों की वजह से भी व्यक्ति सिजोफ्रेनिया का शिकार हो जाता है।

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