क्रिसमस के मौके पर इंदौर में एक अनोखी और विवादित घटना सामने आई है, जहां एक जोमैटो डिलीवरी बॉय ने सांता क्लॉज बनकर खाना पहुंचाया, जिस पर हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने आपत्ति जताई. मामला इतना बढ़ गया कि संस्था के सदस्यों ने डिलीवरी बॉय से सांता क्लॉज की ड्रेस उतरवा ली.
नई दिल्ली: क्रिसमस के मौके पर इंदौर में एक अनोखी और विवादित घटना सामने आई है, जहां एक जोमैटो डिलीवरी बॉय ने सांता क्लॉज बनकर खाना पहुंचाया, जिस पर हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने आपत्ति जताई. मामला इतना बढ़ गया कि संस्था के सदस्यों ने डिलीवरी बॉय से सांता क्लॉज की ड्रेस उतरवा ली. क्रिसमस के दिन जोमैटो कंपनी ने अपने डिलीवरी स्टाफ को सांता क्लॉज की पोशाक पहनने का निर्देश दिया। इंदौर में हिंदू जागरण मंच के जिला संयोजक सुमित हार्डिया ने सड़क पर डिलीवरी बॉय को रोका और पूछा कि उसने यह ड्रेस क्यों पहनी है।
डिलीवरी बॉय ने जवाब दिया कि कंपनी ने ऐसा करने का निर्देश दिया है. इस पर हार्डिया ने कहा, ‘क्या आप कभी दिवाली पर भगवान राम की तरह कपड़े पहनते हैं? आप भगवा पहन कर क्यों नहीं जाते? सुमित हार्डिया ने आरोप लगाया कि ऐसा सिर्फ दूसरे धर्मों के त्योहारों पर किया जाता है, जबकि हिंदू त्योहारों को नजरअंदाज कर दिया जाता है. डिलीवरी बॉय ने सफाई दी कि ये कंपनी की गाइडलाइन है और उसे इसका पालन करना होगा. लेकिन विवाद बढ़ने के बाद डिलीवरी बॉय ने बिना किसी नुकसान के ड्रेस उतार दी.
मध्यप्रदेश : इंदौर में हिंदू संगठन कार्यकर्ताओं ने जोमैटो फूड डिलीवरी बॉय द्वारा पहनी गई सांता क्लॉस की ड्रेस उतरवा दी गई।
हिंदू नेताओं की आपत्ति थी – “हिंदू त्योहारों में तुम भगवान राम की पोशाक या भगवा कपड़ा पहनकर डिलीवरी क्यों नहीं करते हो”
JSR के नारे लगाकर उसे भेज दिया। pic.twitter.com/IUIZfIr1j6
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) December 25, 2024
डिलिवरी ब्वॉय अर्जुन ने बताया कि कंपनी की ओर से सांता क्लॉज ड्रेस पहनने के निर्देश दिए गए थे। नियमों के तहत ड्रेस पहनकर सेल्फी खींचकर कंपनी को भेजनी होती है। ऐसा नहीं करने पर सैलरी में कटौती होगी और अकाउंट ब्लॉक होने का भी खतरा है. इस पर हिंदू जागरण मंच के सदस्यों ने सुझाव दिया कि ये ड्रेस सिर्फ सेल्फी के लिए पहनी जाए, डिलीवरी के वक्त नहीं. ड्रेस उतारने के बाद कार्यकर्ताओं ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए.
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर लोग अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए उमड़ पड़े. कुछ लोग हिंदू जागरण मंच के कदम को सही ठहरा रहे हैं तो कई इसे असहिष्णुता और जबरदस्ती करार दे रहे हैं. वहीं इस वीडियो पर लोगों ने कई तरह के सवाल उठाए.
1. डिलीवरी बॉय पर इस तरह का दबाव बनाना उचित है?
2. क्या धार्मिक प्रतीकों को लेकर कामकाजी पेशेवरों पर सवाल उठाना सही है?
3. कंपनी के दिशानिर्देशों और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के बीच संतुलन कैसे बनाएं?
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