फिनलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ टुर्कू में हुई रिसर्च केअनुसार हमें आने वाले सपनों की सीधे तौर पर हमारे मानसिक स्वास्थ से संबंध होता है. यानि अगर हमें बुरे सपने आते हैं तो इसका मतलब है कि हम मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं हैं और अगर आप खुश रहते हैं तो आपको अच्छे और प्यारे सपने आते हैं.
नई दिल्ली. अगर आपका मन शांत होता है तो आपको खुशनुमा सपने आएंगे. सपनों और मानसिक स्वास्थ के बीच संबंध से जुड़ी एक स्टडी में ये मालूम हुआ है. काफी पहले से माना जाता रहा है कि इंसान को आने वाले सपने उसके मानसिक स्वास्थ का आइना होते हैं. सपनों पर अध्ययन करने वालों ने अधिकतर उनके सपनों पर स्टडी की है जो किसी मानसिक परेशानी से जूझ रहे हैं.
फिनलैंड में यूनिवर्सिटी ऑफ टुर्कू के डॉक्टोरल के विद्यार्थी पैलिरिन सिक्का ने बताया कि हम सपनों और मानसिक स्वास्थ के बीच संबंध को जानना चाहते थे और अध्ययन करना चाहते थे किस तरह न केवल बीमार हालत में उठने की वजह बनते हैं बल्कि शांत सपने देखने पर अच्छे स्वास्थ को भी दर्शाते हैं.
साइंटिफिक रिपोर्ट जर्नल में छपी स्टडी के प्रमुख लेखक सिक्का ने बताया कि सपनों और मानसिक स्वास्थ को बताने वाली ये पहली स्टडी है. उन्होंने आगे कहा कि मन भीतरी शांती के कारण ही शांत रह सकता है. पूर्वी सभ्यता के अनुसार दिल खुश रहने पर मानसिक संतुलन अच्छा बना रहता है.
टुर्कू यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर एंटी रिवोनसू ने कहा कि अध्यनों में सीधे तौर पर आध्यात्म के जरिए मानसिक स्वास्थ की बात की गई है. रिसर्चर्स ने स्वस्थ और बीमार मन से जागने वाले लोगों को एक सवालों की सूची दी जिससे ये नतीजे निकल कर आए. नतीजों नें पाया गया कि जिस व्यक्ति का मन अधिक शांत और स्वस्थ था उसे सकारात्मक सपने आए जबकि जिनकी मानसिक स्थिति शांत नहीं थी उन्हें नकारात्मक सपने आए.
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