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सेब में लगाया जा रहा है जहर का इंजेक्शन, जानें क्या है सेब जिहाद के वीडियो का सच?

नई दिल्ली: हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया गया है कि बाजार में बिकने वाले सेब में जहर का इंजेक्शन लगाया जा रहा है। इस वीडियो में यह कहा गया कि कुछ लोग सेब में जहर भर रहे हैं, ताकि इसे खाने से लोग बीमार पड़ जाएं या उन्हें जान का खतरा हो। इस वीडियो ने लोगों में चिंता और भय का माहौल पैदा कर दिया है। लेकिन, इस दावे में कितनी सच्चाई है? आइए जानते हैं इस वीडियो का सच। इस वीडियो के साथ ‘सेब जिहाद’ नामक शब्द भी जोड़ा जा रहा है।

वायरल वीडियो की सच्चाई क्या है?

सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में यह दावा किया गया है कि बाजार में बिकने वाले सेबों में जानबूझकर जहर का इंजेक्शन लगाया गया है। वायरल वीडियो को मुताबिक यह जहर है, जो सेब के अंदर डाला जा रहा है। फलों के विक्रेता जानबूझकर इंजेक्शन के छेदों को स्टिकर से ढक कर बेच रहे हैं। वीडियो को सोशल मीडिया के एक्स प्लेटफॉर्म पर शेयर किया गया है। वीडियो को शेयर करते हुए इस बात का दावा किया गया है कि, सेबों में जहर का इंजेक्शन लगाया गया है और छेदों को छुपाने के लिए स्टिकर का उपयोग किया गया है।

लोगों ने क्या कहा

सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस वीडियो को लेकर कई यूजर अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। X पर इस वीडियो को एक मिलियन से ज्यादा लोग देख चुके हैं। एक यूजर ने लिखा है कि यह क्या है? जिहाद का दूसरा रूप? इसको देख कर ऐसा लग रहा है कि उन्होंने सेब के अंदर किसी तरह का जहर इंजेक्ट किया है और इसके बाद उसे स्टिकर से ढक दिया है। कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने इस वीडियो के सामने आने के बाद बताया कि ये छोटे छेद किसी इंजेक्शन की वजह से नहीं, बल्कि कीड़ों के कारण हुए हैं। जानकारों के अनुसार ये छेद ‘एप्पल मैगॉट फ्लाई’ और ‘कोडलिंग मॉथ’ जैसे कीड़ों के कारण होते हैं, जो सेब के अंदर घुस जाते हैं। इसके बाद वह सेब को नुकसान पहुंचाते हैं। एक उपयोगकर्ता ने लिखा, “सेबों में छोटे छेद होना एक सामान्य बात है। ये कीड़े, विशेषकर कोडलिंग मॉथ लार्वा, फलों में छेद कर देते हैं और फलों को खराब कर देते हैं। विक्रेता ऐसे छेदों को स्टिकर से ढक कर बेचते हैं।”

सेब खरीदते समय ध्यान रखने योग्य बातें

– साफ पानी से धोएं: सेब खरीदने के बाद उन्हें साफ पानी से अच्छी तरह धोना चाहिए ताकि किसी भी प्रकार की गंदगी या मोम की परत निकल सके।
– फलों को छीलें: यदि आपको मोम के प्रति एलर्जी है, तो सेब को छीलकर भी खा सकते हैं।
– स्थानीय विक्रेता से खरीदें: जितना संभव हो, स्थानीय बाजार से फल खरीदें ताकि ताजगी बनी रहे और आप फल की गुणवत्ता पर भरोसा कर सकें।

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Shweta Rajput

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