बीयर पीने वालों की संख्या दुनियाभर में काफी बड़ी है। इस प्राचीन पेय को उसकी खास खुशबू और अनोखे स्वाद के लिए पसंद किया जाता है।
नई दिल्ली: बीयर पीने वालों की संख्या दुनियाभर में काफी बड़ी है। इस प्राचीन पेय को उसकी खास खुशबू और अनोखे स्वाद के लिए पसंद किया जाता है। बीयर का ये स्वाद और खुशबू इसके बनाने की प्रक्रिया और इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री पर निर्भर करता है। आमतौर पर बीयर बनाने के लिए माल्ट, पानी और यीस्ट का उपयोग होता है, लेकिन बीयर का वो खास फ्लेवर और सुगंध एक विशेष पौधे से आता है, जिसे हॉप्स कहते हैं।
हॉप्स एक बेल जैसा पौधा है, जिसे वैज्ञानिक नाम Humulus lupulus से जाना जाता है। बीयर के स्वाद और सुगंध में हॉप्स की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यह न सिर्फ बीयर में कड़वापन लाता है, बल्कि इसकी शेल्फ लाइफ (सुरक्षा समय) भी बढ़ाता है। हॉप्स बीयर के स्वाद को संतुलित करने और मिठास को काबू में रखने में मदद करता है।
हॉप्स बीयर में एक खास खुशबू और फ्लेवर जोड़ता है। इसमें मौजूद ऑयल्स और रेज़िन्स बीयर को फूलों, फलों या हरी वनस्पतियों जैसी खुशबू और स्वाद देते हैं। विभिन्न प्रकार की बीयर के अनुसार, हॉप्स का फ्लेवर भी बदलता है। उदाहरण के लिए, कुछ हॉप्स सिट्रस या पाइन की खुशबू देते हैं, जबकि कुछ में फूलों की मीठी सुगंध होती है।
बीयर में हॉप्स का दूसरा महत्वपूर्ण काम है कड़वापन लाना। बीयर के मीठे स्वाद को बैलेंस करने के लिए कड़वापन जरूरी होता है, और यह हॉप्स में मौजूद अल्फा एसिड्स से आता है। खासकर, आईपीए (इंडिया पैले एले) जैसी बीयर में हॉप्स का कड़वापन प्रमुख रूप से दिखाई देता है। साथ ही, हॉप्स के एंटी-माइक्रोबियल गुण बीयर को लंबे समय तक ताजगी में बनाए रखते हैं और खराब होने की प्रक्रिया को धीमा कर देते हैं।
हॉप्स की कई किस्में होती हैं, जो बीयर के फ्लेवर को अलग-अलग तरह से प्रभावित करती हैं। उदाहरण के लिए:
– सिट्रा हॉप्स: इनका स्वाद और खुशबू सिट्रस और उष्णकटिबंधीय फलों जैसा होता है, जो आईपीए और अन्य हॉप-फॉरवर्ड बीयर्स में इस्तेमाल होता है।
– सैज हॉप्स: ये खासकर चेक बीयर में इस्तेमाल होता है, और इसमें हल्की फूलों जैसी खुशबू होती है। ये लैगर और पेल्सनर बीयर में अधिकतर इस्तेमाल किया जाता है।
– स्मोक्ड हॉप्स: कुछ खास बीयर में ये हॉप्स धुएं जैसी सुगंध और स्वाद जोड़ते हैं।
हॉप्स का उपयोग बीयर बनाने में सदियों से हो रहा है। पुराने समय में, खासकर मध्यकालीन यूरोप में, बीयर का स्वाद बढ़ाने और उसे संरक्षित करने के लिए हॉप्स का इस्तेमाल शुरू हुआ। इससे पहले बीयर में हॉप्स की जगह जड़ी-बूटियों और मसालों का उपयोग किया जाता था। लेकिन हॉप्स के बेहतर परिणाम और प्रभावशीलता ने इसे जल्दी ही लोकप्रिय बना दिया। आज, हॉप्स बीयर बनाने की प्रक्रिया का एक अहम हिस्सा बन चुका है।
बीयर को उसका अनोखा स्वाद और खुशबू देने में हॉप्स का बहुत बड़ा योगदान है। यह पौधा बीयर के फ्लेवर को संतुलित करने के साथ-साथ उसकी ताजगी और सुरक्षा भी बनाए रखता है। अगर आप भी बीयर पीने के शौकीन हैं, तो अगली बार इसे पीते समय हॉप्स के इस दिलचस्प योगदान को जरूर याद करें।
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