नई दिल्ली: दुनिया में एक स्थान ऐसा है, जहां के लोग गायों को न सिर्फ मानते हैं. बल्कि उनके गोबर से ब्रश करते है. गोमूत्र से सिर धोते है और गोवंशो की रक्षा करते है. ये स्थान है अफ्रीका का, दक्षिण सूडान. यहां की मुंडारी जनजातीय (Mundari Tribal) समूह गाय को प्रतिष्ठा का सवाल मानता […]
नई दिल्ली: दुनिया में एक स्थान ऐसा है, जहां के लोग गायों को न सिर्फ मानते हैं. बल्कि उनके गोबर से ब्रश करते है. गोमूत्र से सिर धोते है और गोवंशो की रक्षा करते है. ये स्थान है अफ्रीका का, दक्षिण सूडान. यहां की मुंडारी जनजातीय (Mundari Tribal) समूह गाय को प्रतिष्ठा का सवाल मानता है. जब गाय सोती हैं या आराम करती है तो इस ट्राइब के लोग मशीन गन लेकर पहरा देते हैं. इस जनजाति के लोगों के लिए गाय उनके परिवार की तरह है और वे इनसे ज़रा भी दूर नहीं रहना चाहते. यहां की गायों की ऊंचाई 7-8 फीट तक होती है.
मुंडारी लोग अपने मवेशियों की दिन में दो बार मालिश करते हैं और अपने पसंदीदा पशु के साथ सो भी जाते हैं. भारी- भरकम गाय-बैलों की कीमत औसत $500 यानि करीब 42 हज़ार रुपये होती है. यही वजह है कि इन्हें मारा नहीं जाता बल्कि दहेज या गिफ्ट के तौर पर दिया जाता है. शादियों में ब्राइड प्राइस के तौर पर इन्हीं पशुओं को दिया जाता है. वे इसके गोबर और गोमूत्र को एंटीबायोटिक से लेकर मच्छरों से सुरक्षा के लिए भी इस्तेमाल करते हैं. ये उनका स्टेटस सिंबल होते हैं.