नई दिल्ली: कुछ ही मिनट में फास्ट फूड के तैयार करने का दावा एक कंपनी पर वाकई भारी पड़ गया. जैसा कि हम सब जानते हैं तमाम फास्ट फूड बेचने वाली कंपनियां यह दावा करती हैं कि उनका खाना इतने मिनट में बनकर तैयार हो जाता है. आलम ऐसा होता है कि इस दावे में […]
नई दिल्ली: कुछ ही मिनट में फास्ट फूड के तैयार करने का दावा एक कंपनी पर वाकई भारी पड़ गया. जैसा कि हम सब जानते हैं तमाम फास्ट फूड बेचने वाली कंपनियां यह दावा करती हैं कि उनका खाना इतने मिनट में बनकर तैयार हो जाता है. आलम ऐसा होता है कि इस दावे में आकर लोग खरीदारी भी करते हैं.
मार्केटिंग का यह तरीका शायद कस्टमर को लुभाने के लिहाज से काफी ठीक है लेकिन यह किसी भी ब्रांड व कंपनी की गुडविल पर निगेटिव इम्पैक्ट डाल सकता है. लिहाजा इसी से मिलता-जुलता एक वाकया सामने निकल कर आ रहा है जिसमें एक महिला ने बेहद ही बड़ा कदम उठाने का फैसला किया. आईये आपको इस मामले के बारे में ठीक से बताते हैं:
यह मामला यूएस के Florida का है, जहाँ पर एक महिला ने यूएस की फूड कंपनी क्राफ्ट हेंज (Kraft Heinz) पर छोटा-मोटा नहीं बल्कि 5 मिलियन डॉलर का मुकदमा दायर किया है. बता दें, 5 मिलियन डॉलर भारत के हिसाब से 40 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है.
दरअसल, यह महिला इस बात से ख़फ़ा थी कि कंपनी ने यह दावा किया कि पास्ता सिर्फ साढ़े तीन मिनट में बनकर तैयार हो जाएगा. लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ तो महिला को बेहद गुस्सा आया और इसने कंपनी पर यह कहते हुए मुक़दमा लगाया कि Kraft Heinz Company (KHC) ने संघीय कानून को तोड़ा है. यह बोलकर कि वेल्वेटा माइक्रोवेवबल मैक एंड चीज कप को बनकर तैयार होने में 3.5 मिनट लगते हैं, जबकि यह सच नहीं है.
इस पास्ता कंपनी के खिलाफ मुकदमा दाखिल कराने वाली महिला ने हर्जाने के लिहाज से कंपनी से 50 लाख डॉलर यानी 40 करोड़ 80 लाख रुपये की माँग कर दी. अमेरिकी फूड कंपनी ने इसे बेकार का मुकदमा ठहराया है.