नई दिल्ली: परमवीर चक्र उन बहादुर सैनिकों को दिया जाता है जिन्होंने दुश्मनों के सामने बहादुरी से सबसे विशिष्ट कार्य किया हो। यह चक्र सेना के हर जवान के लिए बहुत मायने रखता है। अगर कभी आपने इस मेडल को देखा हो तो उस चक्र पर एक विशेष तरह की डिजाइन होती है, लेकिन क्या कभी(Paramveer Chakra) आपने यह सोचा है कि वो विशेष डिजाइन क्या है और क्यों परमवीर चक्र पर बनी हुई है।
दरअसल, अगर आप कभी परमवीर चक्र का मेडल देखेंगे तो उसके आगे के हिस्से पर इंद्र के वज्र की तरह चार प्रतिकृति बनी होती हैं। बता दें कि परमवीर चक्र के मेडल का डिजाइन सावित्री बाई खानोलकर ने किया था और परमवीर चक्र को 3.5 सेमी व्यास वाले कांस्य धातु की गोलाकार आकृति के रूप में तैयार किया गया, जिसके चारों तरफ वज्र के चार चिह्न बनाए गए। वहीं पदक के बीच में अशोक की लाट से लिए गए राष्ट्र चिन्ह चक्र को भी उकेरा गया है। इसके अलावा परमवीर चक्र के दूसरी तरफ कमल का चिह्न बनाया गया है, जिसमें हिंदी और अंग्रेजी में परमवीर चक्र लिखा गया।
क्या होता है वज्र चिन्ह
बता दें कि सावित्री बाई खानोलकर ने परमवीर चक्र(Paramveer Chakra) पर उकेरे गए वज्र चिन्ह के लिए ऋषि दधिचि से प्रेरणा ली थी। जानकारी दे दें कि नेशनल वॉर मे मोरियल के अनुसार वज्र का मतलब ऋषि दधीचि ने वृत्रासुर के अंत के लिए देवताओं ने ऋषि दधिचि की हड्डियों का दान मांगा, जिसके बाद संसार की रक्षा के लिए उन्होंने अपने शरीर का त्याग कर दिया, फिर इन्हीं ऋषी दधिचि की हड्डियों से भगवान विश्ववकर्मा ने इंद्र के वज्र सहित देवताओं के अस्त्र बनाए थे, इससे टकराकर वृृत्रासुर का शरीर रेत की तरह बिखर गया था और इस तरह, वज्र में ऋषि दधिचि के त्याग, समर्पण की कहानी भी दिखती है और इसकी मजबूती भी।
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