हे भगवान! इस देश में शव को काटकर खाते हैं, इस पुरानी प्रथा से दुनिया हैरान

नई दिल्ली: दुनिया के हर अलग-अलग हिस्से में लोगों की मौत के बाद अलग-अलग तरीके से उनका अंतिम संस्कार किया जाता है। कुछ जगहों पर दाह संस्कार की प्रक्रिया ऐसी होती है कि सुनने में अजीब-सा लगता है। दुनिया का एक जगह ऐसा भी है जहां लोग मरने के बाद शव को काटकर खाते हैं। आइए आज इस अनोखी प्रथा के बारे में जानते हैं।

व्यक्ति के शव को काटकर खाते हैं

किसी प्रियजन की मौत हर व्यक्ति के लिए दुख का कारण होती है। ऐसे में उसकी मौत के बाद रीति-रिवाजों और रस्मों के अनुसार उसकी आत्मा का अंतिम संस्कार कर उसे शांति प्रदान की जाती है। दाह संस्कार का यह तरीका हर जगह अलग-अलग है। कुछ जगहों पर दाह संस्कार के तरीके सुनकर आप हैरान हो जाएंगे। ऐसे में एक जगह ऐसी भी है जहां लोग दाह संस्कार के समय उस व्यक्ति के शव को काटकर खाते हैं। आप सही पढ़ रहे हैं। दरअसल यह इंडो-यूरोपियन इलाकों में अपनाई जाने वाली 8 साल पुरानी प्रथा है। इस प्रथा में लोग मरने के बाद उस शव को काटकर खाते हैं।

वे सड़ी हुई लाशें खाते हैं!

कुछ जगहें ऐसी भी हैं जहाँ लोग सड़ी हुई लाशें खाते हैं। कुछ लोग पहले इन लाशों को सड़ने देते हैं. बॉडी तब तक सड़ने देते हैं जब तक कि शरीर से पानी जैसा तरल पदार्थ न निकलने लगे। सुनने में अजीब लगने वाली यह प्रथा आज के समय भी प्रचलित है। कुछ इतिहासकारों का कहना है कि यह प्रथा इसलिए अपनाई जाती है ताकि इस पदार्थ से शराब बनाई जा सके और इसे प्रियजनों की याद में पिया जा सके।

स्वच्छता के दृष्टिकोण सही नहीं

आपको यह बता दें कि यह प्रथा खास तौर पर इंडो-यूरोपीय इलाकों में ग्रामीण और आदिवासी समुदायों में ही प्रचलित है। दुनिया के दूसरे कई हिस्सों में आज भी ऐसी ही प्रथाएँ देखी जा सकती हैं। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से शवों को खाना को स्वास्थ्य और स्वच्छता के दृष्टिकोण से अच्छा नहीं माना जाता है। कुछ शोध बताते हैं कि यह प्रथा पर्यावरण के दृष्टिकोण से अच्छी हो सकती है, क्योंकि यह प्राकृतिक चक्र का हिस्सा बन जाती है।

 

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