नई दिल्ली: आजकल हमारे देश में कुछ बदमाशों ऐसा-ऐसा काम कर रहे हैं कि, लोग को एक दूसरे पर से विश्वास ही उठ गया है. जी हां.. कई तो लोग ऐसा काम करते है, जिसको सुनने के बाद हम शर्मसार हो जाते हैं. जी हां.. इसी तरह का मामला चीन से सामने आया है. जहां […]
नई दिल्ली: आजकल हमारे देश में कुछ बदमाशों ऐसा-ऐसा काम कर रहे हैं कि, लोग को एक दूसरे पर से विश्वास ही उठ गया है. जी हां.. कई तो लोग ऐसा काम करते है, जिसको सुनने के बाद हम शर्मसार हो जाते हैं.
जी हां.. इसी तरह का मामला चीन से सामने आया है. जहां महिलाओं से चीनी स्कैमर्स ब्लैकमेलिंग का काम करवा रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं से लोगों को हनीट्रैप में फंसाने का काम करवाया जा रहा है.
बता दें कि, चीनी महिलाओं से भारत के लोगों को फेंक न्यूड कॉल करने के लिए बोलते है. इस पूरे मामले के बारे में तेलंगाना के रहने वाले एक शख्स ने बताया, जिनका नाम मुंशी प्रकाश है, जो खुद एक चाइनीज फ्रॉड का शिकार हुए हैं. बता दें कि, मुंशी रूप से महबूबाबाद ब्याराम मंडल के रहने वाले हैं. मुंशी सिविल इंजीनियरिंग भी किए हैं. उन्होंने एक जॉब के लिए अपनी साइट्स पर विदेश में नौकरी पाने के लिए, अपनी पोस्ट अपलोड की थी.
वहीं मुंशी के मुताबिक, उन्हें एक दिन कंबोडिया के एजेंट विजय का कॉल आया और उसने जॉब की ऑफर दी. जिसके बाद विजय ने उनको मलेशिया का टिकट दिया. वहीं मुंशी 12 मार्च को कुआलालंपुर पहुंचे थे. वहां से उनको नोम पेन्ह ले जाया गया. जिसके बाद विजय को मुंशी का एक आदमी मिलता है, जो उसे 85 हजार अमेरिकी डॉलर ले लेता है.
इसके बाद उस चीनी ने उनका पासपोर्ट मांग के अपने पास ले लिया और फिर क्रोंग बावेट ले गए. यहां टावरों वाले परिसर में उनको रोका गया, जहां पहले से ही कई भारतीय मौजूद थें. यहां पर उनको तेलगु और अन्य भारतीयों भाषाओं में लड़कियों को नकली प्रोफाइल बनाकर, उसे 10 दिन का ट्रिंग दी जाती थी. चीनियों ने उन्हें एक सप्ताह तक उन्हें कमरे में बंद कर के टॉर्चर किया. जब लड़कियां बीमार पड़ने लगी, तो उन्हें बाहर निकाला गया, लेकिन चीनी उन्हें गलत का काम करने का दबाव बनाते रहे.
किसी तरह मुंशी ने अपना सेल्फ वीडियो रिकॉर्ड किया और अपनी चेन्नई में रह रही बहन को भेज दिया. जिसके बाद प्रशासन को इस पूरी वारदात की जानकारी दी गई. मुंशी ने बहन को जानकारी देने के बाद, प्रशासन को भारतीय दूतावास के बारे में जानकारी दी. जिसके बाद 16 अप्रैल को कंबोडिया की पुलिस ने उनका रेस्क्यू किया. लेकिन चीनी गैंग ने फर्जी केस का वजह बताकर उनको जेल में डाल दिया.
ठीक 12 दिन बाद उनके ऊपर लगाए गए आरोप फर्जी पाए गए. मुंशी ने बताया कि, अभी भी वहां 3 हजार भारतीय फंसे हुए है, जिनमें लड़कियां भी हैं. वहां फंसे हुए लोग आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के हैं. चीनी जबरदस्ती भारतीयों से न्यूड कॉल करवाते हैं. सभी लोगों को नौकरी का झांसा देकर लाया गया हैं. कई लोग दिल्ली, कर्नाटक, मुंबई और दूसरी जगह से भी हैं.