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Viral Video: चीनी सामान की कोई गारंटी नहीं; लॉन्चिंग के बाद रॉकेट फटा और रिहायशी इलाके में गिरा

नई दिल्ली: चीन में जब एक रॉकेट लॉन्च किया गया तो उसके कुछ देर बाद ही उसका एक हिस्सा जमीन पर गिर गया। रॉकेट का हिस्सा नीचे गिरता देख लोग अपनी जान बचाने के लिए भागते नजर आए. वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. हमने अक्सर सुना है कि चीनी सामान पर […]

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  • June 23, 2024 2:56 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 months ago

नई दिल्ली: चीन में जब एक रॉकेट लॉन्च किया गया तो उसके कुछ देर बाद ही उसका एक हिस्सा जमीन पर गिर गया। रॉकेट का हिस्सा नीचे गिरता देख लोग अपनी जान बचाने के लिए भागते नजर आए. वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है.

हमने अक्सर सुना है कि चीनी सामान पर कोई गारंटी नहीं होती। हाल ही में चीन में हुआ ये रॉकेट लॉन्च हादसा इस बात को बिल्कुल सच साबित कर रहा है, इस वीडियो कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खूब चर्चा हो रही है. दरअसल, चीन और फ्रांस मिलकर 22 जून को संयुक्त रूप से लॉन्च किए गए सैटेलाइट को अंतरिक्ष में भेज रहे थे, लेकिन लॉन्च के कुछ देर बाद ही रॉकेट में विस्फोट हो गया और उसका एक हिस्सा रिहायशी इलाके में गिर गया, जिससे लोगों में दहशत फैल गई।

लॉन्च के बाद चीनी रॉकेट घर पर गिरा

जानकारी के अनुसार लॉन्ग मार्च 2-C रॉकेट को चीन और फ्रांस के संयुक्त कार्यक्रम के अकॉर्डिंग लॉन्च किया गया था और इसके कुछ समय बाद रॉकेट का एक पार्ट रिहायशी इलाके के समीप गिर गया. स्पेस वेरिएबल ऑब्जेक्ट मॉनिटर (एसवीओएम) नामक उपग्रह के साथ चीनी अंतरिक्ष यान को शिचांग सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से लॉन्च किया गया था लेकिन लॉन्चिंग के बाद रॉकेट का बूस्टर धरती पर गिर गया. वीडियो में रॉकेट को आबादी वाले इलाके में गिरते हुए देखा जा सकता है. रॉकेट को नीचे आता देख लोगों में भगदड़ मच गई और लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे. लॉन्ग मार्च 2C में नाइट्रोजन टेट्रोक्साइड और अनसिमेट्रिकल डाइमिथाइलहाइड्राज़िन का हाइपरगोलिक मिक्सचर का यूज़ किया जाता है।

 चीन का दावा- मिशन सफल

हालाँकि, चीन ने अपने मिशन को सफल बताया है और कहा है कि तारों के सबसे दूर के विस्फोटों का अध्ययन करने वाला अब तक का सबसे पॉवरफुल उपग्रह सफलतापूर्वक अपने जगह पहुंच गया। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यह एस्ट्रोनॉमिकल खोजों को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा। यह चीन और फ्रांस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया पहला खगोल विज्ञान उपग्रह है, जो अंतरिक्ष और चंद्र अन्वेषण में बीजिंग की बढ़ती ताकत को दर्शाता है, जिसने यूरोपीय और एशियाई भागीदारों से सहयोग आकर्षित किया है।

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