नई दिल्ली। भारत देश अपनी संस्कृति और कला के लिए विश्वभर में जाना जाता है। यहां का अपना अलग इतिहास है। यहां कि इमारतें और स्मारक अपने पीछे कोई न कोई कहानी बयां करती हैं। यही वजह है कि आज भी भारत पूरी दुनिया में अपनी खूबसूरती और ऐतिहासिक इमारतों के लिए जाना जाता है। […]
नई दिल्ली। भारत देश अपनी संस्कृति और कला के लिए विश्वभर में जाना जाता है। यहां का अपना अलग इतिहास है। यहां कि इमारतें और स्मारक अपने पीछे कोई न कोई कहानी बयां करती हैं। यही वजह है कि आज भी भारत पूरी दुनिया में अपनी खूबसूरती और ऐतिहासिक इमारतों के लिए जाना जाता है। इनमें से ज्यादातर इमारतें या स्मारक ऐसी हैं जिनका निर्माण पुरुषों द्वारा करवाया गया है।
लेकिन क्या आपको पता है कि भारत में ऐसी भी कई इमारतें और स्मारक हैं जिनका निर्माण महिलाओं द्वारा करवाया गया था। ऐसे में आइए जानते हैं उन इमारतों के बारे में जिनका निर्माण महिलाओं द्वारा करवाया गया। यही नहीं इन इमारतों और स्मारकों को आप अपने परिवार या मित्रों के साथ देखने भी जा सकते हैं।
महारानी मंदिर, कश्मीर की घाटी में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण 1915 में महारानी मोहिनी बाई सिसोदिया द्वारा करवाया गया था। डोगरा राजवंश के राजा हरि सिंह की पत्नी के रूप में उनकी वास्तुकला कौशल इस शांत अभयारण्य में चमकती है।
भोपाल में स्थित इस मस्जिद को कदसिया बेगम की बेटी और भोपाल की दूसरी बेगम सिकंदर जहां बेगम ने 1844-1868 ई. में बनवाया था। इस मस्जिद की शैली, दिल्ली में स्थित जामा मस्जिद की तरह है। हालांकि ये आकार में उससे छोटी है। मोती मस्जिद की गहरे रंग की दो मीनारें ऊपर से नुकीली हैं। ये सोने के समान लगती हैं।
गुजरात के पाटन शहर में स्थित इस बावड़ी को 11वीं शताब्दी में महारानी उदयमती द्वारा बनवाया गया था। रानी उदयमती ने अपने पति की श्रद्धांजलि के रूप में इसका निर्माण कराया था। इसका निर्माण इंवर्टेड टेंपल के रूप में हुआ है। यही नहीं इसे यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल की लिस्ट में भी शामिल किया गया है और ये भारत की सबसे खूबसूरत बावड़ियों में गिनी जाती है।
8वीं शताब्दी में इस मंदिर का निर्माण रानी लोकमहादेवी द्वारा कर्नाटक के पट्टाडकल शहर में करवाया गया था। ये मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और चालुक्य स्थापत्य शैली के सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक माना जाता है। जानकारी के अनुसार, इस मंदिर को लोकमहादेवी ने पल्लवों के खिलाफ अपने पति विक्रमादित्य द्वितीय की जीत के उपलक्ष्य में बनवाया था।
उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में बने लाल दरवाज़ा मस्जिद को सन् 1447 में सुल्तान महमूद शर्की की रानी राजे बीबी द्वारा बनवाया गया था। ये मस्जिद संत सैय्यद अली दाऊद कुतुबुद्दीन को समर्पित था। इस मस्जिद की कलाकृति और शैली ‘अटाला मस्जिद’ से मिलती-जुलती है।
हुमायूँ का मकबरा इमारत परिसर मुगल वास्तुकला से प्रेरित बना मकबरा स्मारक है। इसे मुगल सम्राट हुमायूं के निधन के बाद, उनकी दुखी विधवा हमीदा बानो बेगम ने उनके सम्मान में बनवाया था। जिसे फ़ारसी वास्तुकार मिराक मिर्ज़ा घियास द्वारा डिज़ाइन किया गया था। इस मकबरे की भव्यता उनके पति के प्रति उनके गहरे प्यार को दर्शाती है।