नई दिल्ली. जंगल बुक का मोगली अब असल ज़िंदगी में लौट आया है, यह मोगली सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है. ये सालों बाद इंसानी दुनिया में लौटा है, सूट -बूट पहनकर यह स्कूल की ओर रुख कर रहा है. इसके बारे में ‘द सन यूके’ की एक रिपोर्ट में लिखा गया […]
नई दिल्ली. जंगल बुक का मोगली अब असल ज़िंदगी में लौट आया है, यह मोगली सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है. ये सालों बाद इंसानी दुनिया में लौटा है, सूट -बूट पहनकर यह स्कूल की ओर रुख कर रहा है. इसके बारे में ‘द सन यूके’ की एक रिपोर्ट में लिखा गया है.
‘द सन यूके’ के मुताबिक असल मोगली यानी जंजीमन एली का जन्म सन 1999 में हुआ था, बहुत ही कम आयु में जंजीमन एली माइक्रोसेफली (Microcephaly) बीमारी से पीड़ित हो गया. जिसके चलते उसका उसका चेहरा अजीब सा हो गया और सिर बॉडी के मुकाबले काफी छोटा रह गया. थोड़ा बड़ा होने पर लोग उसके चेहरे का मज़ाक उड़ाने लगे और भद्दा कहने लगे, जिस वजह से जंजीमन एली लोगों से दूर जंगलों में चले गए.
माइक्रोसेफली बीमारी से पीड़ित होने के बाद मोगली घर-परिवार से दूर जंगलों में रहने लगा. लम्बे समय से जानवरों के साथ रहने के साथ ही उसकी हरकतें भी इंसानों से बिल्कुल अलग हो गई थी. लेकिन अब ख़बर है की जानवरों के बीच मानवीय समाज से दूर रहने वाला मोगली अब वापस आ गया है. अब वह स्कूल भी जाने लगा है. हालांकि एली को पहले स्कूल भी नहीं जाने दिया जाता था. स्कूल्स का कहना था कि वह एकाग्रता के साथ पढ़ाई नहीं कर पाता है. लेकिन अब तमाम जगहों से आने वाले डोनेशन के चलते मोगली स्कूल आकर पढ़ाई कर पा रहा है. और उसकी बाकी दूसरी ज़रूरतें भी पूरी हो रही है. बता दें कि Afrimax TV ने उनपर डॉक्यूमेंट्री शूट की थी. इसके बाद उन्होंने ही इनके लिए फण्ड रेज़ किया जिससे दोनों माँ बेटे की ज़िन्दगी अच्छे से कट सके.
जंजीमन एली मां ने बताया कि वो एली के पैदा होने से पहले अपने पांच बच्चों को खो चुकी थी. एली को स्थानीय लोग उसके सर बड़ा होने की वजह से मज़ाक उड़ाते थे. उसे बचपन से ही सुनने और देखने में दिक़्क़त रही जिसके चलते वह कभी ढंग से पढ़-लिख नहीं पाया. इसके अलावा स्थानीय बच्चो का एली का मज़ाक उड़ाना ही मुख्य वजह है की वह अब तक स्कूल नहीं जा पाया था.