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Mani Amma: बुलडोजर अम्मा के पास हैं 11 गाड़ियों के लाइसेंस, 71 साल में पेश की मिसाल

नई दिल्ली। एक पुरानी कहावत है कि ‘आयु महज़ एक संख्या है’ जो ये दिखाती है कि कोई व्यक्ति कितने समय तक धरती पर जीवित रहा। आपकी उम्र ये बिल्कुल नहीं बताती कि आपने जीवन में क्या हासिल किया या क्या-क्या हासिल कर सकते हैं। कोई भी व्यक्ति किसी भी उम्र में कुछ भी हासिल […]

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Mani Amma: बुलडोजर अम्मा के पास हैं 11 गाड़ियों के लाइसेंस, 71 साल में पेश की मिसाल
  • March 11, 2024 2:24 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 months ago

नई दिल्ली। एक पुरानी कहावत है कि ‘आयु महज़ एक संख्या है’ जो ये दिखाती है कि कोई व्यक्ति कितने समय तक धरती पर जीवित रहा। आपकी उम्र ये बिल्कुल नहीं बताती कि आपने जीवन में क्या हासिल किया या क्या-क्या हासिल कर सकते हैं। कोई भी व्यक्ति किसी भी उम्र में कुछ भी हासिल कर सकता है, फिर चाहे बूढ़ा हो या जवान, बस मन में जज्बा होना चाहिए। इसी बात को सार्थक कर के दिखाया है केरल की राधामणि अम्मा ने। जो कि 71 साल की उम्र में कइ लोगों के लिए आईडल बन चुकी हैं।

11 गाड़ियों के ड्राइविंग लाइसेंस

आपको ये जानकर हैरानी होगी कि राधामणि अम्मा उर्फ मणि अम्मा, भारत की ऐसी इकलौती महिला हैं जिनके पास इस उम्र में 11 अलग-अलग कैटेगरी के गाड़ियों के ड्राइविंग लाइसेंस हैं। उनके पास मोबाइल क्रेन, रफ ट्रेन क्रेन, अर्थ मूवर्स, फोर्क लिफ्ट, ट्रेलर जैसी गाड़ियों का भी लाइसेंस है। इन सब से ज्यादा खास बात ये है कि बस-ट्रक हो या फिर भारी JCB हर वाहन के स्टीयरिंग पर राधामणि अम्मा अपनी उंगलियां नचा चुकी हैं। जिनमें ट्रक, ट्रैक्टर, बड़े-बड़े ट्राले और यहां तक कि बुलडोजर व क्रेन भी शामिल हैं। उम्र के इस पड़ाव में भी बुलडोजर चलाने के कारण लोग उन्हें बुलडोजर अम्मा और बुलडोजर वाली दादी कहते हैं।

ऐसे मिली प्रेरणा

दरअसल, राधामणि अम्मा की मानें तो उन्हें इन सब की प्रेरणा 30 साल की उम्र में उनके पति द्वारा मिली थी। वो बताती हैं कि उन्होंने मिलकर एक भारी वाहन ड्राइविंग स्कूल की स्थापना की। तभी भारी वाहन चलाने का लाइसेंस भी मिला था। उन्होंने बताया कि, उस जमाने में केरल में हैवी व्हिकल लाइसेंस मिलना कोई आसान बात नहीं थी। इसके अलावा राधामणि अम्मा ये भी बताती हैं कि कैसे मैंगलोर में उन्होंने व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया। यही नहीं लाइसेंस प्राप्त करने में भी उनकी मदद की थी। कुछ समय बाद मणि अम्मा और उनके पति की मेहनत रंग लाई और उन्हें केरल में पहला भारी वाहन ड्राइविंग स्कूल स्थापित करने की अनुमति मिली। इस समय वो अपना एक ड्राइविंग इंस्टीट्यूट चला रही हैं।

पति के देहांत के बाद संभाला सबकुछ

राधामणि अम्मा ने ये भी बताया कि 2004 में पति के देहांत के बाद शुरुआत में उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। लेकिन उन्होंने खुद को संभाला और ड्राइविंग स्कूल की कमान संभाली। समय के साथ उनका A to Z ड्राइविंग स्कूल, A to Z ड्राइविंग इंस्टिट्यूट में बदल गया।

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