नई दिल्ली: मैनफोर्स और वियाग्रा दोनों ही पुरुषों में यौन शक्ति बढ़ाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं हैं। इसकी ताकत और प्रभाव भी लगभग बराबर होता है. ये दोनों दवाएं इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ईडी) में सुधार करती हैं और लंबे समय तक इरेक्शन बनाए रखने में मदद करती हैं।
वियाग्रा (सिल्डेनाफिल साइट्रेट): वियाग्रा का सक्रिय घटक सिल्डेनाफिल है, जो रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करके लिंग में रक्त परिसंचरण को बढ़ाता है, जिससे इरेक्शन में मदद मिलती है। इसका उपयोग इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ईडी) के इलाज के लिए किया जाता है। आमतौर पर वियाग्रा का असर 4-6 घंटे तक रहता है.
आपको बता दें कि वियाग्रा की सामान्य खुराक 50 मिलीग्राम है, जो यौन क्रिया से लगभग 30-60 मिनट पहले ली जाती है। डॉक्टर के निर्देशानुसार यह खुराक 25 मिलीग्राम से 100 मिलीग्राम तक हो सकती है, लेकिन इसे हमेशा डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही लेना चाहिए।
मैनफोर्स (सिल्डेनाफिल साइट्रेट): मैनफोर्स भी वियाग्रा की तरह सिल्डेनाफिल पर आधारित है, इसलिए यह उसी तरह काम करता है। यह रक्त प्रवाह को बढ़ाकर लंबे समय तक इरेक्शन बनाए रखने में भी मदद करता है। इसका उपयोग इरेक्टाइल डिसफंक्शन के इलाज में भी किया जाता है। मैनफोर्स का असर भी करीब 4-6 घंटे तक रहता है.
आपको बता दें कि मैनफोर्स अलग-अलग डोज में उपलब्ध है। 25 मिलीग्राम (न्यूनतम खुराक), 50 मिलीग्राम (सामान्य खुराक), 100 मिलीग्राम (अधिकतम खुराक) आदि। इस दवा की खुराक आपके स्वास्थ्य की स्थिति और आवश्यकता के आधार पर डॉक्टर के निर्देशों के अनुसार तय की जाती है।
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