नई दिल्ली: महाकुंभ 2025 में इन दिनों अनोखे बाबाओं और नागा साधुओं का जमावड़ा देखने को मिल रहा है. इन्हीं संतों में से एक हैं स्कॉर्पियो वाले बाबा, जिनका अलग अंदाज और अंदाज लोगों का ध्यान खींच रहा है। हर साल की तरह इस बार भी लाखों श्रद्धालु कुंभ स्नान के लिए संगम तट पर पहुंच रहे हैं और इस बार कुछ अजीबोगरीब साधु श्रद्धालुओं का ध्यान अपनी ओर खींच रहे हैं. उन्हीं संतों में से एक हैं कुशमुनि जी, जिन्हें लोग वृश्चिक बाबा के नाम से जानते हैं।
कुशमुनि जी की शैली अन्य संतों से बिल्कुल अलग है। वह स्कॉर्पियो पर बैठकर भक्तों को आशीर्वाद दे रहे हैं और चश्मा भी लगाए नजर आ रहे हैं. लोग उनके साथ सेल्फी लेने के लिए भी भीड़ लगा रहे हैं. बाबा जय श्री राम के नारे लगाकर हर भक्त को आशीर्वाद दे रहे हैं. उनका अनोखा अंदाज और लोगों तक पहुंचने का तरीका उन्हें दूसरे साधुओं से अलग बनाता है, जिसकी वजह से वह हर किसी के आकर्षण का केंद्र बने रहते हैं। कुशमुनि जी की शैली और आस्था दोनों ही भक्तों को आकर्षित कर रही है. उनका मानना है कि आस्था और तपस्या जीवन में शांति और खुशी लाती है और इस महाकुंभ में उनका यही संदेश है।
महाकुंभ 2025 में कई ऐसे साधु-संत आ रहे हैं जो अपने अनोखे रूप और कार्यों से लोगों को प्रभावित कर रहे हैं. इस बार के महाकुंभ में वृश्चिक बाबा का अंदाज खास चर्चा का विषय बना हुआ है. महाकुंभ मेला हिंदू धर्म का एक प्रमुख धार्मिक त्योहार है, जो भारत के प्रयागराज में हर 12 साल में आयोजित होता है। महाकुंभ 2025 का आयोजन 13 जनवरी से शुरू हो गया है और 26 फरवरी 2025 तक चलेगा।
इस मेले में लगभग 40 करोड़ (400 मिलियन) लोगों के शामिल होने की उम्मीद है, जो इसे दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन बना देगा। इस त्योहार की जड़ें हिंदू पौराणिक कथाओं में हैं। यह राक्षसों पर देवताओं की विजय का प्रतीक है। भक्तों का मानना है कि गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियों के संगम पर स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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