नई दिल्ली : एमबीए और ग्रेजुएट चाय बेचने वालों के बाद अब मार्किट में एक और नाम सुनने को मिल रहा है. ये नाम है एमए इंग्लिश चायवाली. यह कहानी भी काफी मजेदार है जो इस समय सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रही है. मार्केट में चाय की चाह और इसकी लोकप्रियता को देखते हुए […]
नई दिल्ली : एमबीए और ग्रेजुएट चाय बेचने वालों के बाद अब मार्किट में एक और नाम सुनने को मिल रहा है. ये नाम है एमए इंग्लिश चायवाली. यह कहानी भी काफी मजेदार है जो इस समय सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रही है. मार्केट में चाय की चाह और इसकी लोकप्रियता को देखते हुए एमबीए चायवाला, बीटेक चायवाला, ग्रेजुएट चाय वाली और बीएससी चाय वाली के बाद एक और युवती ने चाय बेचने का निर्णय लिया है. यह युवती अब एमए इंग्लिश चाय वाली के नाम से मशहूर है जो इस समय काफी चर्चा में है.
दरअसल इनका नाम शर्मिष्ठा घोष हैं जो इंग्लिश से एमए हैं। इतना ही नहीं वह ब्रिटिश काउंसिल लाइब्रेरी में भी काम किया करती हैं. फिलहाल वह सड़क किनारे ठेला लगाकर चाय बेच रही हैं. उनकी कहानी और उनकी छोटी सी चाय की रेहड़ी इस समय काफी सुर्खियों में है. आइए जानते हैं कौन है शर्मिष्ठा घोष. बता दें, एक दोस्त घोष की इस रेहड़ी में जॉइंट पार्टनर है.
दरअसल शर्मिष्ठा का मानना है कि एक दिन वह भी एक बड़ी चाय-कैफे चेन को संभालेंगी. घोष दिल्ली कैंट के गोपीनाथ बाजार में फिलहाल अपनी रेहड़ी लगाए हुए हैं. इंग्लिश लिटरेचर से पोस्ट ग्रेजुएट घोष की ये कहानी काफी पसंद की जा रही है. उन्होंने अपनी चाय की दुकान खोलने के लिए अच्छी खासी नौकरी पर भी लात मार दी है. उन्होने चायोस को अपना फेवरेट टी-कैफे चेन बताया है जिसके आउटलेट्स देशभर में हैं. भारतीय सेना के रिटायर्ड ब्रिगेडियर संजय खन्ना ने उनकी ये कहानी लिंक्डइन पर शेयर की है. उन्होंने इसके साथ लिखा है, ‘मैं यह जानने के लिए काफी उत्सुक था कि वो यह काम क्यों कर रही हैं। उसने कहा कि उसका विजन और सपना इसे चायोस जितना बड़ा बनाना है।’ अब यह कहानी काफी वायरल हो रही है.
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