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Lucknow Building Collapse: 3 घंटे में बनाया सर्च डिवाइस… जानिए कौन है पांच ज़िंदगियां बचाने वाला इंजीनियर

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी के लिए मंगलवार का दिन काफी भयावह रहा. जहां अचानक पांच मंजिला अलाया अपार्टमेंट ढह गया. इस अपार्टमेंट में 15 परिवार रहते थे जिसमें सपा नेता का परिवार भी शामिल था. हादसा इतना भयावह था की स्थानीय पुलिस के साथ सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें रेस्क्यू के लिए […]

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Lucknow Building Collapse: 3 घंटे में बनाया सर्च डिवाइस… जानिए कौन है पांच ज़िंदगियां बचाने वाला इंजीनियर
  • January 25, 2023 8:51 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी के लिए मंगलवार का दिन काफी भयावह रहा. जहां अचानक पांच मंजिला अलाया अपार्टमेंट ढह गया. इस अपार्टमेंट में 15 परिवार रहते थे जिसमें सपा नेता का परिवार भी शामिल था. हादसा इतना भयावह था की स्थानीय पुलिस के साथ सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें रेस्क्यू के लिए बुलाई गई.आनन-फानन में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया और पूरे 18 घंटे के बचाव कार्य के बाद 14 लोगों को सकुशल निकाल लिया गया.

3 घंटे में बना दी डिवाइस

इस हादसे में दो महिलाओं की मौत हो गई है. इस दौरान मलबे में दबे लोगों की जान बचाने वालों में एक ऐसा नौजवान भी था जिसने सेना और एनडीआरएफ के जवानों के साथ दबे हुए लोगों को ढूंढने में सही दिशा दिखाई. हादसे के महज ढाई से 3 घंटे के अंदर इस नौजवान ने डिवाइस बनाकर पांच लोगों की जान बचाई. यदि ये युवक सही समय पर नहीं आता तो शायद इन लोगों की जान बचा पाना नामुमकिन था जो भारी मलबे के नीचे केवल सांस भर ले पा रहे थे. आइए जानते हैं कौन है ये युवक.

ऐसे बचाई जान

लखनऊ के गोमतीनगर इलाके में रहने वाले मिलिंद राज ने मंगलवार की शाम जब टीवी चैनल पर मलबे में कई लोगों के दबे होने की खबर देखी तो वह मौके पर मदद के लिए पहुँच गए. मिलिंद राज कंप्यूटर साइंस में बीटेक हैं और इनकी अपनी रोबोटिक इंजीनियरिंग की लैब है. इस लैब में यह तरह-तरह के अनूठे प्रयोग करते रहते हैं. उनके इन्हीं प्रयोगों का नतीजा है कि आज 5 लोगों को सही सलामत निकाला जा सका है. वह घटना स्थल पर पहुंचे और उन्होंने बारीकी से मौके का मुआयना किया और वापस अपनी लैब आ गए.

बताया अनोखा अनुभव

3 घंटे की मशक्कत के बाद उन्होंने मलबे में दबे लोगों को लोकेट करने के लिए एक अलग डिवाइस बनाई। अपनी इस डिवाइस के साथ वह लगभग 10:00 बजे फिर मौके पर पहुंचे. उन्होंने एनडीआरएफ के अफसरों को बताया कि वह मलबे में दबे लोगों का पता लगा सकते हैं. डिवाइस के सहारे उन्होंने नीचे दबे लोगों से कुछ हलचल करने के लिए कहा. इसके बाद लोगों ने कराहना शुरू कर दिया और इन्हीं आवाजों को सुनने के बाद उनकी सही लोकेशन अपने डिवाइस से पता की. इसकी वजह से उन्होंने पांच लोगों को बचा लिया. मिलिंद ने मीडिया को बताया कि ये उनके लिए अपने आप में अनूठा अनुभव था. उनके अनुसार उन्होंने ऐसा कोई रेस्क्यू ऑपरेशन नहीं किया बल्कि वह खुद को मदद करने के लिए रोक नहीं पाए.

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