पत्नी और बच्चों को छोड़ टीचर ने रचाई 18 वर्षीय स्टूडेंट से शादी! हुआ बर्खास्त

नई दिल्ली : किसी ने क्या खूब कहा है कि प्यार की कोई उम्र नहीं होती है. प्यार ना तो रंग देख कर किया जाता है ना ही जात ना ही लिंग और ना ही धर्म. ये वो भाव है जो एक इंसान को दूसरे इंसान से जोड़ता है. लेकिन इसके बावजूद कई बार कुछ […]

Advertisement
पत्नी और बच्चों को छोड़ टीचर ने रचाई 18 वर्षीय स्टूडेंट से शादी! हुआ बर्खास्त

Riya Kumari

  • November 7, 2022 8:21 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली : किसी ने क्या खूब कहा है कि प्यार की कोई उम्र नहीं होती है. प्यार ना तो रंग देख कर किया जाता है ना ही जात ना ही लिंग और ना ही धर्म. ये वो भाव है जो एक इंसान को दूसरे इंसान से जोड़ता है. लेकिन इसके बावजूद कई बार कुछ ऐसे प्यार के किस्से सामने आते हैं जो अलग होने की वजह से चर्चा में आ जाते हैं. इन दिनों इसी तरह का एक किस्सा सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जहां एक टीचर को अपनी एक छात्रा से इस कदर प्यार हुआ कि उसने अपनी पत्नी और बच्चों तक को छोड़ दिया. इतना ही नहीं इस टीचर ने अपने छात्रा से शादी भी रचा ली.

स्कूल ने निकाला

हालांकि जब छात्रा और टीचर के इस रिश्ते की बात सामने आई तो स्कूल ने शिक्षक को बर्खास्त कर दिया. ये घटना स्कॉटलैंड के North Ayrshire की है जहां इस शिक्षक का नाम गेविन डनसमुइर है. गेविन साल 2015 में छात्रा मेघन रीड से मिले थे. वह मेघन को पढ़ाते थे और दोनों के बीच शिक्षक और छात्रा का रिश्ता था. लेकिन इस बीच दोनों को प्यार हो गया. उस समय मेघन रीड 18 साल की थी जिसके प्यार में साल 2018 आते-आते गेविन ने अपनी पत्नी शोना को छोड़ दिया और मेघन से शादी रचा ली.

पब में पकड़ी गई प्रेम कहानी

एक साथी टीचर द्वारा पब में देखे जाने के बाद टीचर और स्टूडेंट के बीच के इस रिश्ते का खुलासा हुआ. आज के समय में मेघन 25 साल की हो गई है और गेविन डनसमुइर 50 साल के हैं. दोनों के बीच 25 साल की उम्र का फासला है. बीते साल ही दोनों ने शादी की थी जिसके बाद दोनों के दो बच्चे भी हैं. खबरों की मानें तो जब स्कूल को गेविन द्वारा किसी स्टूडेंट से रोमांस करने की खबर मिली तो स्कूल प्रशासन ने शख्त करवाई करते हुए टीचर को स्कूल से ही निकाल दिया. इतना ही नहीं प्यार के चक्कर में स्कॉटलैंड की टीचिंग काउंसिल ने टीचर पर जांच तक बैठा दी. चार साल से उनपर जाँच चल रही है और उन्हें बतौर टीचर पढ़ने के लिए अयोग्य ठहरा दिया गया है.

यह भी पढ़ें-

EWS आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर, 3 सवालों के जवाब पर अदालत ने दिया फैसला

EWS आरक्षण को हरी झंडी, सुप्रीम कोर्ट ने गरीब सवर्णों के हक में दिया फैसला

Advertisement