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khabar Jara Hatkar: ‘नयी’ और ‘नई’ शब्द, जिन्हें लेकर अक्सर बना रहता है कन्फ्यूजन

नई दिल्ली। हम अपनी रोजमर्रा की ज़िंदगी में न जाने कितने शब्दों का इस्तेमाल करते(khabar Jara Hatkar) हैं। इनमें से कुछ नए होते हैं तो वहीं कुछ ऐसे शब्द होते हैं जिनका इस्तेमाल हर दूसरी लाइन में करते हैं। लेकिन हम कभी भी ये जानने की कोशिश नहीं करते कि ये शब्द सही भी हैं […]

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khabar Jara Hatkar: ‘नयी’ और ‘नई’ शब्द, जिन्हें लेकर अक्सर बना रहता है कन्फ्यूजन
  • January 18, 2024 7:26 pm Asia/KolkataIST, Updated 11 months ago

नई दिल्ली। हम अपनी रोजमर्रा की ज़िंदगी में न जाने कितने शब्दों का इस्तेमाल करते(khabar Jara Hatkar) हैं। इनमें से कुछ नए होते हैं तो वहीं कुछ ऐसे शब्द होते हैं जिनका इस्तेमाल हर दूसरी लाइन में करते हैं। लेकिन हम कभी भी ये जानने की कोशिश नहीं करते कि ये शब्द सही भी हैं या बस हमने इन्हें गलत होने के बाद भी अपनी बोल-चाल का हिस्सा बना लिया है। यही नहीं कुछ शब्द तो ऐसे भी होते हैं जिन्हें हम ज़िंदगीभर गलत लिखते भी हैं। दरअसल, होता यूं है कि जब हम किसी को ऐसा लिखते देख लेते हैं तो उसे ही सही मान बैठते हैं। कुछ ऐसा ही शब्द है ‘नयी’ और ‘नई’, जिसे लिखने के तरीके को लेकर लोगों में हमेशा कनफ्यूज़न बनी रहती है। तो आइए जानते हैं इन दोनों शब्दों के बीच के फर्क को।

जानें ‘नयी’ और ‘नई’ में फर्क

सबसे पहले तो ये जानना जरुरी है कि ‘नयी’ और ‘नई’ में कोई फर्क है भी या नहीं? देखा जाए तो दोनों ही शब्दों का इस्तेमाल एक ही अर्थ के लिए किया(khabar Jara Hatkar) जाता है। इन्हें बोलने या सुनने में तो कोई फर्क नहीं दिखाई देता, लेकिन जब इन दोनों शब्दों को लिखा जाता है तो कनफ्यूज़न हो जाती है कि कौन सा सही है और कौन सा गलत? उदाहरण के लिए, ‘गयी और ‘गई’ को लेकर लोगों ने मानकीकरण हिंदी के तहत श्रुतिमूलक और स्वरात्मक रूप का हवाला दिया है।

यानी कि ये दोनों ही शब्द सुनने में तो एक जैसे हैं, इनका उच्चारण भी एक जैसा ही है लेकिन लिखते समय ये ‘नई’ हो सकता है। चूंकि ये क्रिया न होकर संज्ञा है, इसलिए ‘नया’ शब्द का इस्तेमाल पुल्लिंग के तहत होने पर व्याकरण के आधार पर इसे ‘नयी’ ही लिखा जाएगा। वहीं अगर नया शब्द का अंत न’आ’ होता तो इसे बेशक स्वरात्मक रुप से स्त्रीलिंग होने पर नई लिख दिया जाता।

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किसी को भी गलत नहीं कहा जा सकता

हालांकि, इस विषय पर डिबेट तो काफी लंबी चल सकती है और लोगों के इस पर अलग-अलग तर्क भी सामने आ सकते हैं। लेकिन सीधे तौर पर बात यह है कि दोनों ही शब्दों को समान अर्थ में प्रयोग किया जाता(khabar Jara Hatkar) है। इसे लोग अपनी-अपनी समझ के हिसाब से लिखते हैं। मुख्य बात यह भी देखने को मिलती है कि किसी भी परिस्थिति में इन शब्दों के अर्थ में कोई बदलाव नहीं आता। फिलहाल, जिन शब्दों में सुनकर लिखने के बाद ‘यी’ और ‘ई’ या ‘ये’ और ‘ए’ का फर्क आता है, उनमें से किसी को भी सही या गलत नहीं कहा जा सकता है।

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