नई दिल्ली: भारतीय रेलवे स्टेशन लाखों लोगों(Khabar Jara Hat ke) को रोजाना यहां से वहां ले जाता है। वहीं सफर करते वक्त आपके रास्ते में कई अजीबो- गरीब नाम वाले स्टेशन भी पड़ते होंगे, जिन्हे पढ़कर हंसी छूट जाती है और हम यही सोचते हैं कि कौन ऐसे नाम रखता होगा? तो चलिए आज हम […]
नई दिल्ली: भारतीय रेलवे स्टेशन लाखों लोगों(Khabar Jara Hat ke) को रोजाना यहां से वहां ले जाता है। वहीं सफर करते वक्त आपके रास्ते में कई अजीबो- गरीब नाम वाले स्टेशन भी पड़ते होंगे, जिन्हे पढ़कर हंसी छूट जाती है और हम यही सोचते हैं कि कौन ऐसे नाम रखता होगा? तो चलिए आज हम ऐसे ही कुछ रेलवे स्टेशन के नामों के बारे में जानते हैं।
काला बकरा रेलवे स्टेशन जालंधर के एक गांव में पड़ता है। इस स्टेशन का नाम सिर्फ बकरा न लें, बल्कि इसे पूरी इज्जत के साथ ”काला बकरा” कहें।
सूअर रेलवे स्टेशन
सुअर उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में स्थित एक गांव है। भारत में वैसे आप जू में कई जानवर देखने को मिल जाएंगे लेकिन स्टेशन के नाम भी सूअर या काला बकरा स्टेशन रखा जाएगा ये हमें नहीं पता था। बता दें कि रामपुर, मुरादाबाद और अमरोहा सुअर के निकटतम बड़े स्टेशन हैं।
भैंसा रेलवे स्टेशन
भैंसा रेलवे स्टेशन से ज्यादा ट्रेनें नहीं गुजरती हैं। बता दें कि इसका नाम 50,000 की आबादी वाले तेलंगाना के निर्मल जिले में स्थित भैंसा शहर के नाम पर रखा गया है।
बिल्ली जंक्शन उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में स्थित है और ये एक छोटा सा गांव भी है। हो सकता है कि ये स्थान बिल्लियों के मिलने की जगह रही होगी। लेकिन दुर्भाग्य से, यह सिर्फ एक बोर्डिंग स्टेशन है।
बता दें कि कुट्टा, कर्नाटक राज्य का एक छोटा सा गांव है, जो कूर्ग क्षेत्र के किनारे पर स्थित है। वहीं इस जगह की प्राकृतिक सुंदरता और वन्य जीवन रोमांच आंख को बेहद भाता है।
भागा रेलवे स्टेशन झारखंड में स्थित है, जहां से कई सारी ट्रेनें चलती हैं। इस रेलवे स्टेशन के नाम से ये मत सोचिएगा कि यहां पहुंचकर आपको भागना पड़ेगा, लेकिन हां ट्रेन छूट रही होगी, तो भागना पड़ सकता है।
बता दें कि सिंगापुर रोड स्टेशन ओडिशा में है। विभिन्न एक्सप्रेस(Khabar Jara Hat ke) ट्रेन इस स्टेशन को पार करती हैं और भारत के विभिन्न मार्गों पर चलती हैं।
जानकारी दे दें कि दारू असल में झारखंड के हजारीबाग जिले का एक गांव है और स्टेशन का नाम इसी से प्रेरित है।
दिवाना रेलवे स्टेशन हरियाणा में पानीपत के करीब है। यहां हर रोज दो प्लेटफार्मो पर सोलह ट्रेने रुकती हैं। हो सकता है की इस रेलवे स्टेशन पर आकर शायद आप भी दीवाने हो सकते हैं।
ये रेलवे स्टेशन पहले भोजपुर के नाम से जाना जाने वाला भोसरी गांव अपने कलात्मक मूल्य के लिए प्रसिद्ध है। बता दें कि 2000 साल पुराना “कलाकार महल” इस जगह का आकर्षण का केंद्र है।
टट्टी खाना रेलवे स्टेशन सुनकर तो आप शायद अपनी हंसी न रोक पाएं। लेकिन टट्टी खाना तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले का एक शहर है, जिसकी आबादी 103 के आसपास है।
बता दें कि यहां रहने वाले लोगों का हमेशा “पनौती” टैग से मजाक उड़ाया जाता है। पनौती उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले में स्थित एक छोटा सा गांव है। इस गांव की कुल आबादी 2,197 है।
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