नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के एटा जिले में जिस शख्स ने अपने जीवित रहते हुए(khabar jara hat ke)अपना क्रिया-कर्म किया, उसका अब निधन हो गया है। बता दें कि हाकिम सिंह के मृत्यु भोज वाले दिन गांव के सेकड़ों लोग पहुंचे थे। लेकिन इस बात से हर कोई अनजान था कि जो इंसान आज अपने […]
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के एटा जिले में जिस शख्स ने अपने जीवित रहते हुए(khabar jara hat ke)अपना क्रिया-कर्म किया, उसका अब निधन हो गया है। बता दें कि हाकिम सिंह के मृत्यु भोज वाले दिन गांव के सेकड़ों लोग पहुंचे थे। लेकिन इस बात से हर कोई अनजान था कि जो इंसान आज अपने जीवित रहते हुए मृत्यु भोज रखा है वो जल्द ही इस संसार को छोड़ कर चला जाएगा। जानकारी दे दें कि यूपी के एटा जिला के रहने वाले हाकिम सिंह ने बीते 3 दिन पहले यानी 15 जनवरी को अपने जीवित रहते हुए(khabar jara hat ke) उन्होंने अपना क्रिया-कर्म करवा लिया था।
अपने ही तेरहवीं और पिंडदान करने के पीछे की कारण बताते हुए हाकिम सिंह ने कहा था कि मुझे अपने परिवार वालों पर भरोसा उठ गया है। हाकिम सिंह
को मृत्यु के बाद उनके परिवार वाले उनका क्रिया-कर्म करेंगे कि नहीं इस पर संदेह था। इसलिए उन्होंने जीवित रहते हुए अपनी मृत्यु के बाद का सारा क्रिया-कर्म कर लिया।
हाकिम सिंह ने मृत्यु से पहले खुद से ही अपनी कार्ड छपवाकर गांव में तेरहवीं निमंत्रण के कार्ड बाटे थे। वहीं उनके मृत्यु भोज कार्यक्रम में गांव के 800 से अधिक लोग शामिल हुए थे। सूचना के मुताबिक, हाकिम सिंह ने बिहार की रहने वाली एक युवती से शादी की थी। हालांकि कुछ समय बाद उनकी पत्नी उन्हें छोड़कर अपने घर वापस चले गयी थी। कोई अपना संतान न होने के वजह से उनके रिश्तेदारों ने जमीन और मकान पर कब्जा कर लिया था और रिश्तेदारों के इस व्यवहार से हकीम चिंतित रहते थे।
बता दें कि उन्होंने अपनी चिंता जाहिर करते हुए(khabar jara hat ke) कहा था कि मेरे भाई-भतीजे मकान और 5 बीघे खेत के लिए उनके साथ अक्सर हाथापाई करते रहते हैं। कुछ दिनों पहले हाथापाई के दौरान उनका हाथ भी तोड़ दिया था। जिस कारण उनको अपने परिवार वालों पर भरोसा नहीं था की उनके मृत्यु के बाद उनके परिवार वाले उनका क्रिया-कर्म करेंगे या नहीं।
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