khabar Jara Hat kar: कुछ ऐसा होता है एक हवाई चप्पल के बनने का सफर, सीधे फैक्ट्री से सामने आया वीडियो

नई दिल्ली। दुनिया में ऐसी कई चीज़ें हैं, जिनका इस्तेमाल रोजाना करते हैं। लेकिन हम कभी ये नहीं सोचते कि ये चीज़ें आखिर आई कहां से या इन्हें बनाया कैसे जाता(khabar Jara Hat kar) है? दरअसल, हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर हुआ है, जिसमें हवाई चप्पल बनाने के तरीके को दिखाया […]

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khabar Jara Hat kar: कुछ ऐसा होता है एक हवाई चप्पल के बनने का सफर, सीधे फैक्ट्री से सामने आया वीडियो

Nidhi Kushwaha

  • February 6, 2024 9:03 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 months ago

नई दिल्ली। दुनिया में ऐसी कई चीज़ें हैं, जिनका इस्तेमाल रोजाना करते हैं। लेकिन हम कभी ये नहीं सोचते कि ये चीज़ें आखिर आई कहां से या इन्हें बनाया कैसे जाता(khabar Jara Hat kar) है? दरअसल, हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर हुआ है, जिसमें हवाई चप्पल बनाने के तरीके को दिखाया गया है। वैसे तो आपने कई बार नीले सफेद रंग वाले चप्पलों को पहना होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन्हें कैसे बनाया जाता है?

 

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वीडियो में दिखाई दी चप्पल बनने की प्रक्रिया

दरअसल, सोशल मीडिया वायरल हो रहे इस वीडियो में किसी चप्पल फैक्ट्री को दिखाया गया है। जिसमें देखा जा सकता है कि नीली और सफेद रंग वाली चप्पल को कितनी लंबी प्रक्रिया के बाद बनाया जाता है। साथ ही इस वीडियो को देखने के बाद, लोगों को इसकी वैल्यू समझ(khabar Jara Hat kar) आई। वीडियो पर कई लोगों ने कमेंट करते हुए लिखा भी है कि अब से वो हवाई चप्पल की कद्र करेंगे।

ऐसे हम तक पहुंचते है हवाई चप्पल

बता दें कि एक चप्पल फैक्ट्री से सामने आए इस वीडियो ने सभी को हैरान कर दिया है। फैक्ट्रियों में सबसे पहले मशीन के अंदर रद्दी रबर डाला जाता है। ये कोई फ्रेश रबर नहीं होता बल्कि चमड़े की बनी पुरानी चाज़ों को इकट्ठा करके इन मशीनों में डाला जाता है। इसके बाद रबर को कम्प्रेस कर एक जगह अच्छे से मिलाया जाता है। इसके बाद इन्हें रोलिंग मशीन में डालकर शीट में बदल दिया जाता है।

इन शीट्स पर अच्छे से पाउडर लगा कर, काफी स्मूद किया जाता है। बाद में इन्हें धोकर छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लिया जाता है। इन शीट्स को चप्पल के आकार के ब्लेड्स के नीचे बिछाया जाता है, ताकि इन शीट्स को चप्पल की शेप मिल सके जिसपर बाद में रबर के ही कवर चढ़ा दिए जाते हैं। अब एक बार चप्पल की बेस बनने के बाद, उसमें फीते जोड़े जाते हैं, ये काम हाथ से किया जाता है। अंत में इन चप्पलों को उनकी साइज़ के अनुसार पैक कर के मार्केट में पहुंचाया जाता है। जहां से ये चप्पलें हम अपने इस्तेमाल के लिए खरीदते हैं।

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