नई दिल्ली। भले ही क्रिकेट के खेल को जैंटलमैन गेम कहा जाता है लेकिन विवादों से इसका संबंध बेहद पुराना है। ऐसे में अगर आप क्रिकेट के इतिहास पर नजर डालेंगे तो पाएंगे कि कई क्रिकेटर्स को मैदान पर अनुशासनहीनता के लिए सजा दी गई। इनमें से कई खिलाड़ी मैच फिक्सिंग में पकड़े गए और जेल गए, जबकि कई पर तो आजीवन क्रिकेट खेलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक ऐसा भी क्रिकेटर रहा है जिसे उसके जघन्य कृत्य के लिए फांसी की सज़ा(khabar Jara Hat kar) दी गई थी।
हम यहां बात कर रहे हैं वेस्टइंडीज के पूर्व क्रिकेटर लेस्ली हिल्टन की, जो बहुत ही तेज गेंदबाज थे। इसी लिए उन्हें गति का राजा भी कहा जाता था। इस दौरान इसका औसत 26.12 रहा। लेस्ली को पहली बार 1935 में वेस्टइंडीज की टीम में खेलने का मौका मिला था। उन्होंने अपने पहले ही मुकाबले में गेंद और बल्ले से खूब धमाल मचाया। लेस्ली हिल्टन ने अपने करियर में कुल 6 टेस्ट मैच खेले और 19 विकेट लिए।
ऐसा कहा जाता है कि लेस्ली हिल्टन को अपनी पत्नी पर शक था कि वो उसे धोखा दे रही है। हिल्टन ने बेवफाई के कारण अपनी पत्नी की हत्या कर दी(khabar Jara Hat kar) थी। जब 1955 में वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज लेस्ली हिल्टन को फांसी दी गई, तो उस वक्त पूरी दुनिया हैरान रह गई थी। लेस्ली हिल्टन उस समय क्रिकेट की दुनिया के उभरते हुए सितारे थे। इससे पहले किसी भी क्रिकेटर को इस तरह की सजा नहीं मिली थी।
जानकारी के अनुसार, लेस्ली हिल्टन की पत्नी का नाम लर्लिन रोज था, जो जमैका के एक पुलिस अधिकारी की बेटी थी। 1935 में इंग्लैंड के खिलाफ पदार्पण करने के बाद, हिल्टन की मुलाकात, लर्लिन रोज से हुई और उन्हें प्यार हो गया। इस जोड़े ने 1942 में शादी कर ली। उनका एक बेटा भी था। जिसके बाद लगभग 7 साल तक सब कुछ ठीक चला लेकिन 1954 में हालात काफी बदतर हो गए। अक्सर लर्लिन अपने कपड़े बनाने के व्यवसाय का बहाना देकर न्यूयॉर्क जाती थी। इसी बीच लेस्ली हिल्टन को एक लेटर मिला। इसमें कहा गया था कि उसकी पत्नी का रॉय फ्रांसिस नाम के एक व्यक्ति के साथ अवैध संबंध था, जो ब्रुकलिन एवेन्यू पर रहता है।
बताया जाता है कि अपनी पत्नी के अफेयर का जानकारी मिलने के बाद हिल्टन ने तुरंत संयुक्त राज्य अमेरिका से लिरालिन को वापस बुला(khabar Jara Hat kar) लिया। इसके बाद दोनों के बीच खूब मारपीट होने लगी। शुरू-शुरू में तो में, लर्लिन ने नाजायज रिश्ते को अस्वीकार किया, लेकिन जब बाद में सारी सच्चाई सामने आई तो लर्लिन ने खुलेआम अपने अवैध संबंध को कबूल कर लिया। जिससे हिल्टन गुस्से से पागल हो गया और खिड़की से बंदूक लेने के लिए दौड़ा। अपने अदालती मामले में हिल्टन ने बताया कि उसने खुद को गोली मारने की कोशिश की, लेकिन उसने गलती से अपनी पत्नी को मारा।
इस दौरान, हिल्टन ने अपने बचाव में कई तर्क पेश किए लेकिन अदालद ने सभी को खारिज कर दिया और उन्हें दोषी पाया। ऐसा इसलिए, क्योंकि लर्लिन के शरीर में सात गोलियां थीं। इसके बाद 20 अक्टूबर, 1954 में हिल्टन को लर्लिन की हत्या का दोषी ठहराया गया। जिसके बाद 17 मई, 1955 को हिल्टन को फांसी दी गई। ये वो दिन था जब केंसिंग्टन ओवल में ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के बीच टेस्ट मैच खेला जा रहा था। उस समय क्रिकेट मैदान पर कई लोग ऐसे थे जिन्होंने हिल्टन से माफी मांगी क्योंकि, एक बैनर था जिसमें “सेव हिल्टन” लिखा गया था। लेकिन सभी प्रयास विफल रहे और हिल्टन को नहीं बचाया जा सका और उन्हें फांसी पर चढ़ा दिया गया।
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