हाल ही में मुस्लिम समाज में गिरगिट को मारने की प्रथा के बारे में चर्चा शुरू हुई है। इस प्रथा के पीछे ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक कारणों
नई दिल्ली: हाल ही में मुस्लिम समाज में गिरगिट को मारने की प्रथा के बारे में चर्चा शुरू हुई है। इस प्रथा के पीछे ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक कारणों का एक मिश्रण है, जिसे समझने के लिए हमें इतिहास पर ध्यान देना होगा।
ऐतिहासिक कथाओं के अनुसार, जब इब्राहीम अ़लैहिस्सलाम को आग में डाला गया था, तो गिरगिट ने उस आग को भड़काने की कोशिश की थी। यह मान्यता है कि गिरगिट ने खुदा की इच्छा के खिलाफ जाकर आग को भड़काने का प्रयास किया था, जिसके कारण उसे मारने का आदेश दिया गया।
एक अन्य कथा के अनुसार, जब नबी ए करीम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम और उनके साथी आराम फरमा रहे थे, तब एक गिरगिट उनके पास आया। इस कथा में कहा गया है कि गिरगिट की गर्दन में अल्लाह ने एक चिह्न डाल दिया था, जिसे देखकर रसूलल्लाह सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने उसे मारने का आदेश दिया।
इन कथाओं की ऐतिहासिक सटीकता पर सवाल उठते हैं। आज के समय में, यह स्पष्ट है कि गिरगिट को मारने की यह प्रथा धार्मिक ग्रंथों या कुरान में दर्ज नहीं है। कुछ धार्मिक ग्रंथों और कथित धर्मगुरुओं द्वारा इसे समर्थन देने वाली हदीसें और किताबें गुमराह करने वाली हो सकती हैं।
वर्तमान में, शिक्षा प्राप्त कर चुके मुस्लिम समाज के लोग इस प्रथा के बारे में जागरूक हो रहे हैं और इसे धार्मिक दृष्टिकोण से पुनः परखने की कोशिश कर रहे हैं। यह महत्वपूर्ण है कि लोग सही और प्रमाणिक स्रोतों से जानकारी प्राप्त करें और धर्म की सही व्याख्या पर ध्यान दें।
समाज में धार्मिक मान्यताओं को समझने और पुनरावलोकन की आवश्यकता है, ताकि धर्म और सांस्कृतिक परंपराओं के बीच सही संतुलन स्थापित किया जा सके। इस लेख में दी गई जानकारी इंटरनेट और किताबों में उपलब्ध स्रोतों पर आधारित है। inkhabar इस जानकारी की सच्चाई की पुष्टि नहीं करता है।
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