नई दिल्ली: भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है, जो हर दिन लाखों यात्रियों को उनकी मंजिल तक पहुंचाता है। वहीं क्या आपने कभी सोचा है कि जिन ट्रेनों में आप सफर करते हैं, उनके कोच कहां बनते हैं? बता दें, भारत में सबसे अधिक रेलवे कोच चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री […]
नई दिल्ली: भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है, जो हर दिन लाखों यात्रियों को उनकी मंजिल तक पहुंचाता है। वहीं क्या आपने कभी सोचा है कि जिन ट्रेनों में आप सफर करते हैं, उनके कोच कहां बनते हैं? बता दें, भारत में सबसे अधिक रेलवे कोच चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में तैयार होते हैं, जो दुनिया की सबसे बड़ी रेल कोच निर्माता फैक्ट्री के रूप में जानी जाती है।
ICF हर साल करीब 4000 से अधिक कोच का निर्माण करती है। जून 2024 तक इस फैक्ट्री ने 75,000 से अधिक कोच का निर्माण किया था, जिनमें वंदे भारत जैसी महत्वपूर्ण ट्रेनों के कोच भी शामिल हैं। वहीं ICF में दो मुख्य विभाग होते हैं पहला शेल डिवीजन और दूसरा फर्निशिंग डिवीजन। शेल डिवीजन में 14 यूनिट्स मिलकर कोच के ढांचे का निर्माण करती हैं, जिसे बाद में व्हील सेट पर रखा जाता है। फर्निशिंग डिवीजन में कोच के अंदरूनी हिस्सों की फर्निशिंग, बाहरी पेंटिंग, लाइटिंग और बाकि सुविधाओं का काम किया जाता है।
1955 में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इस फैक्ट्री का उद्घाटन किया था ICF भारत की सबसे पुरानी रेल फैक्ट्रियों में से एक है। फर्निशिंग डिवीजन की शुरुआत 2 अक्टूबर 1962 को हुई थी और उस समय इस फैक्ट्री के निर्माण में 7.47 करोड़ रुपये की लागत आई थी। चेन्नई इंटीग्रल कोच फैक्ट्री केवल देश के लिए कोच निर्माण तक सीमित नहीं है। 1967 में इस फैक्ट्री से पहली बार थाईलैंड को रेल कोच निर्यात किए गए थे। तब से अब तक 13 से अधिक अफ्रीकी और एशियाई देशों में भारतीय रेलवे के कोच निर्यात किए जा चुके हैं, जो भारतीय रेल तकनीक की वैश्विक पहचान को दर्शाते हैं।
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