नई दिल्ली : पूरे विश्व में कृष्ण जन्मोत्सव काफी धूम-धाम से मनाया जाता है. सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में इस दिन की धूम होती है. मंदिरों में बाल गोपाल का जन्मोत्सव मनाने के लिए लोग अलग-अलग परमपराओं को निभाते हैं. कहीं उनका केक कटवाया जाता है तो कहीं मटकी हांडी फोड़ी जाती […]
नई दिल्ली : पूरे विश्व में कृष्ण जन्मोत्सव काफी धूम-धाम से मनाया जाता है. सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में इस दिन की धूम होती है. मंदिरों में बाल गोपाल का जन्मोत्सव मनाने के लिए लोग अलग-अलग परमपराओं को निभाते हैं. कहीं उनका केक कटवाया जाता है तो कहीं मटकी हांडी फोड़ी जाती है. एक ऐसा ही मंदिर राजस्थान के राजसमंद में स्थित है जहां जन्माष्टमी पर 21 तोपों की सलामी देने का रिवाज़ है.
ये मंदिर है श्रीनाथजी मंदिर जहां भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव पर 400 साल पुरानी परंपरा का पालन किया जाता है. दरअसल राजस्थान के इस मंदिर में इस दिन 21 तोपों की सलामी देने का रिवाज़ है. श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को अनोखे ढंग से धूमधाम से मनाए जाने का रिवाज़ केवल इसी मंदिर में देखने को मिलता है. बता दें, इस मंदिर में दूसरे दिनो में भी दूध-दही और माखन से होली खेले जाने की परंपरा है.
ये सलामी जन्माष्टमी की रात को 12 बजे कान्हा के जन्म के समय पर दी जाती है. इस नजारे को देखने के लिए देश और दुनिया के अलग-अलग कई हिस्सों से श्रद्धालु श्रीनाथजी मंदिर में एकत्रित होते हैं. इसके बाद आस-पास के गांव में कान्हा के जन्म को लेकर लोग खुशियां मानते हैं और घर-घर घूमकर मिठाईयां बांटी जाती हैं. इस बार जन्माष्टमी पर्व पर श्रीनाथजी में देश के महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों से श्रद्धालुओं की भीड़ जमा होने वाली है. श्रीनाथजी में जन्माष्टमी महोत्सव मनाने कई विदेशी भी पहुँचते हैं.
इस साल भी कई देशों से कई श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिर पहुंचेगी जहां पूरे जोश और भक्ति के साथ सलामी दी जाएगी और मन्दिर मुख्यद्वार पर नक्कारखाने से ढ़ोल, नक्कारे, बिगुल, शहनाई आदि की मधुर ध्वनी से पूरा नाथद्वारा नगर गुंजायमान होगा. बता दें, मंदिर में पूरी सुरक्षा का ध्यान भी रखा जाता है. जहां सुरक्षा की दृष्टि से न्यॅू कोटेज परिसर और श्री दामोदरधाम में सीसीटीवी लगे हुआ हैं. श्रद्धालुओं के लिए पानी और प्रकाश की समुचित व्यवस्ता भी की जाती है.
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