नई दिल्ली: अधिकतर लोग अपने जिंदगी को अच्छा बनाने के लिए एक अच्छे अवसर की तलाश में रहते हैं और मिलते ही अपना घर बसा लेते हैं. भारत में लाखों स्टूडेंट का आईएएस अधिकारी या डॉक्टर बनना एक सपना होता हैं, जो लोग इन सपनों को पूरा कर लेते हैं उनके लिए ये दौड़ जीती […]
नई दिल्ली: अधिकतर लोग अपने जिंदगी को अच्छा बनाने के लिए एक अच्छे अवसर की तलाश में रहते हैं और मिलते ही अपना घर बसा लेते हैं. भारत में लाखों स्टूडेंट का आईएएस अधिकारी या डॉक्टर बनना एक सपना होता हैं, जो लोग इन सपनों को पूरा कर लेते हैं उनके लिए ये दौड़ जीती हुई मानी जाती है, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते है कि अपने सपनों को पूरा करने के बाद भी दूसरी मंजिल पाने की चाहत रखते है. ऐसे ही एक कहानी है रोमन सैनी की है, आज हम आपको बताएंगे.
16 साल की उम्र में रोमन सैनी, एम्स प्रवेश परीक्षा पास करने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति बन गए. एमबीबीएस पूरा करने के बाद सैनी ने नेशनल ड्रग डिपेंडेंस ट्रीटमेंट सेंटर में काम किया. इस तरह के प्रतिष्ठित नौकरी अधिकतर लोग पसंद करते हैं, लेकिन रोमन सैनी ने डॉक्टर के रूप में सिर्फ 6 महीने ही काम किया. इसके बाद वह आईएएस अधिकारी बनने के सपने देख रहे थे.
22 साल की उम्र में रोमन सैनी ने यूपीएससी परीक्षा पास की, जो भारत में कठिन परीक्षाओं में से एक है. उन्होंने आईएस अधिकारी का ऑप्शन क्यों चुना इस पर एक बार टिप्पणी भी की, “जब मैं हरियाणा के दयालपुर में डॉक्टर के रूप में काम कर रहा था, तब मैंने देखा कि कैसे लोग बुनियादी सुविधाओं से वंचित है, तभी मैंने देश की सेवा करने के लिए आईएएस अधिकारी बनने का फैसला किया”. रोमन ने 22 साल की उम्र में सबसे कम उम्र के आईएएस अधिकारियों में से एक थे, जो कलेक्टर के रूप में मध्य प्रदेश में तैनात रहे.
एक आईएएस अधिकारी के रूप में उनका कार्यकाल छोटा होना तय था, क्योंकि इसके बजाय अपने दोस्त गौरव मुंजाल के साथ अनएकेडमी की स्थापना की. जो आज हजारों आईएएस कैंडिडेट्स को यूपीएससी परीक्षाओं की तैयारी में सहायता करता है।
अनएकेडमी की शुरुआत 2010 में गौरव मुंजाल द्वारा बनाए गए यूट्यूब चैनल के रूप में हुई थी, कंपनी की अधिकारिक तौर पर 2015 में गौरव मुंजाल, रोमन सैनी और रमेश सिंह ने स्थापना की. वहीं अब अनएकेडमी18 हजार टीचर्स के नेटवर्क के साथ भारत के सबसे बड़ा एजुकेशन टेक्नोलॉजी प्लेटफार्म में से एक है. कुछ दिनों पहले कंपनी की कीमत 2 अरब डॉलर यानी करीब 14830 करोड़ रुपए आंकी गई है।
कारगिल युद्ध के साजिशकर्ता थे मुशर्रफ, 1965 में भारत के खिलाफ लड़े थे युद्ध
Parvez Musharraf: जानिए क्या है मुशर्रफ-धोनी कनेक्शन, लोग क्यों करते हैं याद