मानव शरीर कितना तापमान झेलने में है सक्षम, जानें कितनी गर्मी होने पर हो सकती है मौत

नई दिल्ली: दुनिया भर के कई देशों से गर्मी के कारण बेचैन कर देनें वाली खबरें लगातार सामनें आ रही हैं. इस तरह की खबरों से भारत भी अछूता नहीं है. हाल ही में भारतीय मौसम विभाग यानी आईएमडी ने उत्तर भारत के राज्यों में हीटवेव को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है. तापमान बढ़ने […]

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मानव शरीर कितना तापमान झेलने में है सक्षम, जानें कितनी गर्मी होने पर हो सकती है मौत

Inkhabar Team

  • May 25, 2024 2:08 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 months ago

नई दिल्ली: दुनिया भर के कई देशों से गर्मी के कारण बेचैन कर देनें वाली खबरें लगातार सामनें आ रही हैं. इस तरह की खबरों से भारत भी अछूता नहीं है. हाल ही में भारतीय मौसम विभाग यानी आईएमडी ने उत्तर भारत के राज्यों में हीटवेव को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है. तापमान बढ़ने के कारण लोगों कई तरह की समस्याएं झेलनी पड़ रही है. ऐसे में आपके अंदर भी इस तरह के सवाल उठते होंगें कि आखिर मानव शरीर अधिकतम कितना तापमान झेल सकता है. आइए इसी के बारे में विस्तार से समझते हैं

एक सामान्य मनुष्य के शरीर का तापमान 98.9 डिग्री फॉरेनहाइट होता है, जो बाहरी तापमान के 37 डिग्री सेल्सियस के बराबर है. साइंस के अनुसार मनुष्य गर्म खून वाला स्तनधारी जीव होता है जो 42 डिग्री तापमान को झेलनें की क्षमता रखता है. मानव शरीर में होमियोस्टैसिस नामक सुरक्षा तंत्र होता है जो तापमान को शरीर के तापमान को नियंत्रित रखनें में मदद करता है.

साल 2050 तक 257 फीसद तक हो सकती है मौतों में बढ़ोत्तरी

अब हम जान चुके हैं कि मनुष्य 42 डिग्री सेल्सियस तक तापमान को शरीर ज्यादा दिक्कत आए बिना झेल सकता है, समस्या तब हो जाती है जब तापमान 42 डिग्री के ऊपर पहुंच जाता है. लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2050 आते-आते गर्मीं से होनें वाली मौतों में 257 फीसदी की वृद्धि हो सकती है. मानव शरीर के लिए सबसे अनुकूल तापमान 35 से 37 डिग्री सेल्सियस तक होता है, लेकिन जब तापमान इससे ऊपर बढ़ता है तब कुछ सामान्य समस्याएं आनी शुरू हो जाती है. तापमान को लेकर हुई अधिकतम रिपोर्ट्स में ऐसा पाया गया है कि मनुष्य बिना किसी बाहरी सुरक्षा के 50 डिग्री के ऊपर के तापमान को नहीं झेल सकता है.
मई महीनें में राजस्थान के फलोदी में बीएसएफ द्वारा लगाए गए तापमापी में भारत का अब तक का अधिकतम तापमान 51 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. मेडिकल जर्नल लैंसेट की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2000-2004 और 2017-2021के बीच भारत में गर्मी का सबसे ज्यादा प्रकोप देखनें को मिला था. इन 8 सालों में गर्मी से होनें वाली मौतों में 55 फीसद की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई थी.

45 डिग्री तापमान होने पर क्या-क्या समस्याएं होने लगती हैं?

डॉक्टरों की मानें तो, यदि तापमान 45 डिग्री हो तो घबराहट, बेहोशी और चक्कर आने जैसी शिकायतें होने लगती हैं. जिसके चलते शरीर का ब्लड प्रेशर कम होने लगता है. 48-50 डिग्री या इससे अधिक तापमान में देर तक रहने पर मांसपेशियां पूरी तरह से काम करना बंद कर सकती हैं, जिससे इंसान की मौत भी हो सकती है.

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