नई दिल्ली: आज के समय में लगभग सभी लोग स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं और सभी के स्मार्टफोन में Paytm ऐप होते हैं, जो किसी न किसी कारण से Paytm का उपयोग करते हैं. डिजिटल की दुनिया में Paytm को पहचान की कमी नहीं है। पेटीएम का सफर पेटीएम को विजय शेखर शर्मा ने 2010 […]
नई दिल्ली: आज के समय में लगभग सभी लोग स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं और सभी के स्मार्टफोन में Paytm ऐप होते हैं, जो किसी न किसी कारण से Paytm का उपयोग करते हैं. डिजिटल की दुनिया में Paytm को पहचान की कमी नहीं है।
पेटीएम को विजय शेखर शर्मा ने 2010 में प्रीपेड मोबाइल रिचार्ज सुविधा के रूप में उद्घाटन किया था, जो शुरू में मोबाइल और डीटीएच रिचार्ज करती थी. यह धीरे-धीरे बिजली बिल, गैस बिल के साथ अब विभिन्न पोर्टलों की रिचार्ज और बिल भुगतान प्रदान करती है. साल 2012 में पेटीएम ने भारत के ई-कॉमर्स बाजार में प्रवेश किया, फ्लिपकार्ट, अमेजन और स्नेपडील के कारोबार की तरह सुविधाएं और उत्पादों को उपलब्ध कराने लगी. इसके बाद 2015 में बस यात्रा के टिकट बुकिंग को जोड़ा.
साल 2016 में नोट बंदी के बाद Paytm बहुत प्रचलित हो गया, क्योंकि नोटबंदी के बाद Paytm में भारत की सबसे बड़ी मोबाइल भुगतान मंच का शुभारंभ किया, जिसके जरिए पेमेंट कर सकते हैं या पैसे भेज सकते हैं. साल 2017 में विजय शेखर शर्मा को फोर्ब्स की अरबपतियों की लिस्ट में शामिल किया गया था.
भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य यूपी के एक छोटे से शहर अलीगढ़ में आर्थिक रूप से पिछड़े समाज से ताल्लुक रखने वाले विजय शेखर शर्मा का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था, जो एजुकेशन वैल्यू पर बहुत जोड़ देते थे. विजय के पिता एक टीचर थे, उनकी पूरी स्कूली शिक्षा हिंदी माध्यम में हुई और कॉलेज में एडमिशन के लिए बेसिक इंग्लिश लैंग्वेज स्किल की बाधा को जल्द पूरा कर लिया. इसके बाद विजय ने दिल्ली के एक प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लिया.
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