नई दिल्ली: दुनिया भर में कई ऐसी अजीबोगरीब परंपराएं हैं जिनके बारे में जानकर बेहद हैरानी होती है. कहीं पर मरे हुए लोगों के शव को खुले मैदान में फेंक दिए जाते हैं, तो कहीं पर बच्चों को ऊंचाई से नीचे फेंक दिया जाता है, ऐसे ही हैरान कर देने वाले परंपराएं के बारे में […]
नई दिल्ली: दुनिया भर में कई ऐसी अजीबोगरीब परंपराएं हैं जिनके बारे में जानकर बेहद हैरानी होती है. कहीं पर मरे हुए लोगों के शव को खुले मैदान में फेंक दिए जाते हैं, तो कहीं पर बच्चों को ऊंचाई से नीचे फेंक दिया जाता है, ऐसे ही हैरान कर देने वाले परंपराएं के बारे में आज हम आपको बताएंगे, जहां किसी की मौत होने पर उसके परिजन उसकी लाश को जलाने के बाद जो राख बचती है, उसका सूप बनाकर पीते हैं।
दरअसल यह हैरान कर देने वाले परंपरा दक्षिण अमेरिका में रहने वाले यानोमानी जनजाति से जुड़ी हुई है. इस जनजाति के लोग दक्षिण अमेरिका के अलावा ब्राजील और वेनेजुएला के कुछ इलाकों में देखने को मिल जाते हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अपने ही परिवार के लोगों को मरने के बाद जब जलाते हैं, तो उनकी बची राख में केले से बनाए गए सूप जैसे पदार्थ को मिलाकर पी जाते हैं. इस बीच ये लोग काफी रोते हैं और मृतक की याद में शोक गीत गाते हैं. ये वहां की अंतिम संस्कार का एक परंपरा है.
एक अन्य रिपोर्ट में यहां तक जिक्र किया गया है कि इस जनजाति में नरभक्षण की तरह एक और परंपरा है जिससे एंडोकैनिबेलिज्म कहा जाता है. इस परंपरा में इस जनजाति के लोग अपने ही परिजनों के मृतक व्यक्ति का मांस खाते हैं. जब किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो उससे कुछ दिनों के लिए पत्तों से ढककर रखा जाता है, इसके बाद शरीर के अधिकतर हड्डियों को अलग करके जलाया जाता है और बचे मांस को खाया जाता है. इस जनजाति का कहना है कि जब मृतक के शरीर के आखिरी हिस्से को परिवार वाले खा लेते हैं तो उसकी आत्मा को शांति मिलती है, साथ ही उसकी आत्मा की रक्षा भी होती है।
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