नई दिल्ली। क्या आप जानते हैं कि आखिर समुद्र के बीच बनी हाजी अली(Haji Ali) की दरगाह में भयंकर तूफान के बाद भी पानी की एक बूंद क्यों नहीं आती? दरअसल, ये किसी बड़े चमत्कार से कम नहीं है, जिसके पीछे की वजह एक कहानी से जोड़कर बताई जाती है। आइए जानते हैं इस पूरी […]
नई दिल्ली। क्या आप जानते हैं कि आखिर समुद्र के बीच बनी हाजी अली(Haji Ali) की दरगाह में भयंकर तूफान के बाद भी पानी की एक बूंद क्यों नहीं आती? दरअसल, ये किसी बड़े चमत्कार से कम नहीं है, जिसके पीछे की वजह एक कहानी से जोड़कर बताई जाती है। आइए जानते हैं इस पूरी कहानी के बारे में।
दरअसल, बताया जाता है कि जब पीर हाजी अली शाह(Haji Ali) ने पहली बार व्यापार करने के लिए अपना घर छोड़ा था, तो वो मुंबई के वर्ली इलाके में थे। यहां वो कई दिनों तक रहे, उन्होंने यहां अपना पूरा जीवन बिताने का फैसला किया। हाजी अली शाह ने अपनी मां को एक पत्र लिखा कि उन्होंने अपना समय यहीं रहकर बिताने का फैसला किया है। उन्होंने अपनी मां से अपनी सारी संपत्ति जरूरतमंदों में बांटने के लिए कहा। जिसके बाद वह उसी स्थान पर रहकर अपने धर्म का प्रचार-प्रसार करने लगे।
जानकारी के अनुसार, वो अपनी सारी संपत्ति गरीबों में बांटने के बाद, सबसे पहले हज यात्रा पर निकले, लेकिन दुर्भाग्यवश इसी यात्रा के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। ऐसा कहा जाता है कि हाजी अली की आखिरी इच्छा थी कि उन्हें दफनाया नहीं जाए, बल्कि उनके शरीर को समुद्र में फेंक दिया जाए। उनकी इसी इच्छा के अनुसार, उनके शव को पानी में बहा दिया गया, जिसके बाद उनका ताबूत अरब सागर से होता हुआ मुंबई में उसी स्थान पर एक चट्टान से टकराकर रुक गया। जिसके बाद 1431 में उसकी स्मृति में उस स्थान पर एक दरगाह का निर्माण हुआ। माना जाता है कि इसी कारण आज भी भयानक तूफान या बारिश का पानी समुद्र के बीच स्थित हाजी अली की दरगाह तक नहीं पहुंच पाता।
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