Greater racket-tailed drongo: आवाज की नकल उतारने में उस्ताद है ये पक्षी, जानें क्यों कहलाता है कोतवाल?

नई दिल्ली: ग्रेटर रैकेट-टेल्ड ड्रोंगो बड़ा ही अद्भुत पक्षी है, जो दूसरे(Greater racket-tailed drongo) जीवों की आवाज कॉपी करने में उस्ताद होता है। इस पक्षी को ‘द मास्टर मिमिक’ के नाम से भी जाना जाता है। बता देंं कि यह पक्षियों, कीड़ों और मेंढकों सहित 40 प्रजातियों की आवाज की नकल कर सकता है। भारत […]

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Greater racket-tailed drongo: आवाज की नकल उतारने में उस्ताद है ये पक्षी, जानें क्यों कहलाता है कोतवाल?

Janhvi Srivastav

  • January 6, 2024 6:18 pm Asia/KolkataIST, Updated 11 months ago

नई दिल्ली: ग्रेटर रैकेट-टेल्ड ड्रोंगो बड़ा ही अद्भुत पक्षी है, जो दूसरे(Greater racket-tailed drongo) जीवों की आवाज कॉपी करने में उस्ताद होता है। इस पक्षी को ‘द मास्टर मिमिक’ के नाम से भी जाना जाता है। बता देंं कि यह पक्षियों, कीड़ों और मेंढकों सहित 40 प्रजातियों की आवाज की नकल कर सकता है। भारत में इसे कोतवाल, पुलिस और भुजंग पक्षी कहा जाता है। वहीं अब इस बर्ड का एक वीडियो वायरल हो रहा है। चलिए जानते हैं कि आखिर इस पक्षी को कोतवाल क्यों कहा जाता है?

समीरा अग्निहोत्री ने क्या कहा?

रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलुरु स्थित नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज से वाइल्ड लाइफ एंड कंजर्वेशन में मास्टर डिग्री करने वाली समीरा अग्निहोत्री ने इस पक्षी पर तीन साल तक स्टडी की है, इसमें उन्होंने पाया कि ये पक्षी 35 अन्य पक्षियों के आवाज की नकल कर सकता है और साथ ही ये कुछ स्तनधारी जीवों वा मेंढकों की आवाज भी कॉपी कर सकता है।

ग्रेटर रैकेट-टेल्ड ड्रोंगो

बता दें कि ग्रेटर रैकेट-टेल्ड ड्रोंगो पक्षी का साइंटिफिक नाम डिक्रूरस पैराडाइज़स है। इस पक्षी को ब्लैक ड्रोंगो के नाम से भी जाना जाता है। यह एक मीडियम आकार का पक्षी है, जो भारत में भी पाया जाता है। इसके पास 2 खास तरह के लंबे पंख होते हैं। जब यह उड़ता है, तो ऐसा लग सकता है कि जैसे मानो दो बड़ी(Greater racket-tailed drongo) मधुमक्खियां एक काले पक्षी का पीछा कर रही हैं।

ये पक्षी कोतवाल क्यों कहलाता है?

यह एक बहादुर पक्षी है, जो और किसी भी शिकारी पक्षी से टकराने से पीछे नहीं हटता है। यह बहुत तेज सीटी बजाने के लिए भी जाना जाता है, इसी कारण से इसे भारत में कोतवाल या पुलिस के नाम से जाना जाता है। यदि कोई शिकारी अन्य पक्षियों पर हमला करने वाला होता है तो ये तेजी से आवाज निकाल कर उनको अलर्ट कर देता है। जिस वजह से वे पक्षी अपनी जान बचाने में सफल हो पाते हैं और साथ ही यह अपनी टेरिटरी में दूसरे पक्षी को घुसने नहीं देता है। यही कारण है कि इसे कोतवाल कहा जाता है।


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