उड़ते प्लेन से कूदी लड़की दो मील दूर जाकर गिरी, फिर अपने पैरों पर चलकर आई वापस

नई दिल्ली: कुछ मामलों को जानने के बाद ईश्वर के प्रति विश्वास और बढ़ जाता है. अगर कोई मौत के मुंह से लोटकर वापस आ जाए तो उसे चमत्कार ही मान सकते हैं. वक्त बचाने के लिए अक्सर लोग हवाई सफर करते है. इससे जुड़ा सबसे बड़ा रिस्क यह है कि अगर किसी कारण वस […]

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उड़ते प्लेन से कूदी लड़की दो मील दूर जाकर गिरी, फिर अपने पैरों पर चलकर आई वापस

Deonandan Mandal

  • March 27, 2023 12:52 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: कुछ मामलों को जानने के बाद ईश्वर के प्रति विश्वास और बढ़ जाता है. अगर कोई मौत के मुंह से लोटकर वापस आ जाए तो उसे चमत्कार ही मान सकते हैं. वक्त बचाने के लिए अक्सर लोग हवाई सफर करते है. इससे जुड़ा सबसे बड़ा रिस्क यह है कि अगर किसी कारण वस कहीं क्रैश हो जाए तो बचने की उम्मीद ना के बराबर रहती है, लेकिन आज हम आपको ऐसी लड़की के बारे में बताएंगे जिसे जानकर आप अचंभित हो जाएंगे।

अचंभित कर देने वाली कहानी जुलियन कोपक की है, यब बात 1971 में दिसंबर की कड़ी ठंड की है. 17 वर्षीय जुलियन जब अपनी मां के साथ LANSA Flight 508 में अन्य 90 लोग सफर कर रहे थे. जुलियन को ज़रा भी पता नहीं था कि इस प्लेन का सफर उनकी ज़िंदगी का ऐसा यादगार सफर बनने वाला है, जिसे जुलियन ही नहीं बल्कि दुनिया भी कभी नहीं भूल पाएगी।

सफर के दौरन प्लेन पर गिर गई बिजली

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक LANSA Flight 508 पर सफर के दौरन ही पेरू में बिजली गिर गई और इसी वजह से दुर्घटना हो गई. इस दुर्घटना दौरन प्लेन में सवार कुल 92 लोगों में से सिर्फ जुलियन कोपक की ही जान बची. जुलियन और उनकी मां के अलावा अन्य 90 लोग प्लेन से जा रही थी और इसी दौरान प्लेन पर बिजली गिरती देखकर जुलियन कोपक ने कह दिया था कि अब ये अंतिम समय है. जुलियन कोपक अपनी मां के साइड में सीटबेल्ट लगकर बैठी हुई थी और यही कारण था कि दुर्घटना के समय जुलियन मौत के मुंह से वापस आ गई क्योंकि सीटबेल्ट की वजह से वो सुरक्षित थी. उनकी सीट के बाहरी हिस्से ने प्लेन से बाहर निकलते समय पैराशूट की तरह काम किया और उनके गिरने की गति को भी कम किया।

घायल होने के बाद भी भटकती रही

जूलियन अमेजन सीटबेल्ट के साथ जंगलों में गिरी थी और इस दौरान शरीर के बाहरी हिस्सा कुछ घायल हो गया था. इसके अलावा उनकी आंखें भी जख्मी थी. इतना सब होने के बावजूद भी वह 10 दिन तक जंगल में भटकती रही और अंत में एक झोपड़ी में शरण ली. जूलियन अमेजन को इस हालत में मछुआरों ने देखा. इस घटना में वो अकेली ही बच पाई थी।

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