नई दिल्ली: भारतीय बाजार में लहसुन का भाव आसमान छू रहा है, अधिक्तर घरों में लहसून के बिना सब्जी नहीं बनती है, लेकिन क्या आपको पता हैं कि दुनिया में एक ऐसा भी देश था, जहां कर्मचारियों को सैलरी के रूप में लहसून को दिया जाता था. आज हम आपको उस देश के बारे में […]
नई दिल्ली: भारतीय बाजार में लहसुन का भाव आसमान छू रहा है, अधिक्तर घरों में लहसून के बिना सब्जी नहीं बनती है, लेकिन क्या आपको पता हैं कि दुनिया में एक ऐसा भी देश था, जहां कर्मचारियों को सैलरी के रूप में लहसून को दिया जाता था. आज हम आपको उस देश के बारे में बताएंगे।
सबसे पहले लहसुन की खेती पांच हजार साल पहले भूमध्य सागर के तट पर सुमेरियों ने की थी. एक रिपोर्ट के अनुसार यह कैस्पियन सागर के पूर्वी मैदानों से आया था, जबकि भारत में हजारों साल पहले लहसुन की खेती मध्य एशिया से आई थी. इतिहास के अनुसार भारत में करीब चार हजार सालों से लहसुन का उपयोग हो रहा है. भारत में लहसुन के बीज हड़प्पा काल में 2600-2200 ईसा पूर्व के बीच पाए गए थे।
आपको बता दें कि मिस्र के तूतनखामुन की कब्र में 1325 ईसापूर्व में लहसुन पाया गया था जिसे संरक्षित करके रखा गया था. लहसुन का उपयोग 7 हजार सालों से अधिक समय से औषधीय पौधे और खाद्य स्रोत के रूप में किया जाता है. इतना ही नहीं पिरामिड बनाने वाले श्रमिकों के बीच यह इतना लोकप्रिय था कि लहसुन की कमी की वजह से काम रुक गया था. इतिहास में इस बात का जिक्र है कि मिस्र में पिरामिड बनाने वाले श्रमिकों को सैलरी के रूप में भी लहसुन को दिया जाता था।
यह भी पढ़े-
केजरीवाल की गिरफ्तारी पर फिर बोला अमेरिका, कांग्रेस के फ्रीज खातों पर भी की टिप्पणी