नई दिल्ली: भारत में घर आए बेटी के पति यानी दामाद को बहुत सम्मान दिया जाता है और उसकी बहुत सेवा की जाती है. दामाद की आवभगत और सम्मान भारतीय परिवारों की खासियत मानी गई है. अब चाहे भारत का उत्तर हो या दक्षिण और पूर्व हो या पश्चिम, देश का हर हिस्सा दामाद की […]
नई दिल्ली: भारत में घर आए बेटी के पति यानी दामाद को बहुत सम्मान दिया जाता है और उसकी बहुत सेवा की जाती है. दामाद की आवभगत और सम्मान भारतीय परिवारों की खासियत मानी गई है. अब चाहे भारत का उत्तर हो या दक्षिण और पूर्व हो या पश्चिम, देश का हर हिस्सा दामाद की आवभगत करने में विश्वास रखता है. इतना ही नहीं कोई भी ससुरालवाले अपनी क्षमता से बढ़कर दामाद की खातिरदारी करते हैं.
ऐसे में ये कहना गलत नहीं है कि दूसरे सगे-संबंधियों की तुलना में काफी दामाद का पत्नी के मायके में विशेष दर्जा रहता है. ऐसे में बात अगर खाने की करें तो यह भी अपने आप ख़ास हो जाता है. हालांकि आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी ज़िले से ऐसी खबर सामने आ रही है जिसे सुनने के बाद आप भी हैरान हो जाएंगे. यहां दामाद के स्वागत-सत्कार में 173 पकवान परोसे गए. जी हाँ! 173 पकवान. इतने पकवान इन दिनों शादी विवाह समारोह में भी नहीं परोसे जाते हैं लेकिन इस परिवार ने अपने दामाद की आने की ख़ुशी में यह किया.
जिले के भीमावरम से ये पूरा मामला सामने आया है. जहां कस्बे के एक व्यवसायी टाटावर्ती बद्री ने अपने दामाद के स्वागत में ये कारनामा कर दिखाया है. बीते दिनों उनका दामाद हैदराबाद से घर आया था. दरअसल संक्रांति पर्व के अवसर पर परिवार ने दामाद चावला पृथ्वीगुप्त और बेटी श्री हरिका को आमंत्रित किया था. इस दौरान परिवार ने उनके लिए घर पर 173 प्रकार के व्यंजनों की व्यवस्था की. हैरानी की बात ये है कि ये सभी पकवान घर पर ही बनाए गए थे. इन्हें बनाने में 4 दिन का समय लगा था.
ससुर बद्री का कहना है कि कोविड प्रतिबंधों के कारण उनकी बेटी श्री हरिका और दामाद चावला पृथ्वीगुप्त पिछले दो सालों से घर नहीं आए थे. इन दो सालों में उन्होंने अपने दामाद और बेटी के साथ सक्रांति का त्योहार नहीं मनाया. इस साल जब उन्हें ये मौका मिला तो उन्होंने इसे ख़ास बनाने के लिए 173 पकवान बनाए. उन्होंने आगे बताया कि उनकी पत्नी इन सभी 173 प्रकार के पकवानों को तैयार करने के लिए चार दिनों से मेहनत कर रहे थी. इस दौरान की एक तस्वीर भी सामने आ रही है जिसमें दामाद और बेटी के साथ सास-ससुर दिखाई दे रहे हैं. इनके आगे पकवान का एक अंबार लगा हुआ है. इस अंबार में बज्जी, पूरी, करेला, हलवा, पापड़, अचार, मिष्ठान्न, शीतल पेय और गोली सोडा समेत तमाम शामिल हैं.
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