नई दिल्ली। डॉक्टर्स को भगवान का दूसरा रूप कहा जाता है। जिसकी वजह है कि जिस प्रकार भगवान सभी को दुनिया में भेजते हैं, उसी तरह डॉक्टर्स भी चाहे कितनी बड़ी बीमारी हो लेकिन पेशेंट्स को ठीक करने का भरोसा देता है। यही कारण है कि डॉक्टर्स की पोस्ट बेहद जिम्मेदारी वाली मानी जाती है। […]
नई दिल्ली। डॉक्टर्स को भगवान का दूसरा रूप कहा जाता है। जिसकी वजह है कि जिस प्रकार भगवान सभी को दुनिया में भेजते हैं, उसी तरह डॉक्टर्स भी चाहे कितनी बड़ी बीमारी हो लेकिन पेशेंट्स को ठीक करने का भरोसा देता है। यही कारण है कि डॉक्टर्स की पोस्ट बेहद जिम्मेदारी वाली मानी जाती है। लेकिन कई बार कुछ झोलाछाप डॉक्टर्स(Fake Doctor) इस प्रोफेशन का मजाक बनाने की कोशिश करते हैं। बता दें कि हाल ही में इससे जुड़ा एक मामला सामने आया है।
दरअसल, एक फर्जी पर्जी का पोस्ट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर unique writer नाम के अकाउंट से शेयर किया गया है। जिसमें उत्तर प्रदेश के हरदोई में प्रैक्टिस कर रहे एक झोलाछाप डॉक्टर(Fake Doctor) की पर्ची वायरल हुई है। ये महाशय कई सालों से मरीजों को देख रहे थे। यही नहीं इन्होंने अपना क्लिनिक भी खोल रखा है। इलाज कराने वालों को इस बात की जानकारी नहीं थी कि वो जिससे इलाज करवा रहे हैं, असल में वो डॉक्टरी का ज्ञानी है ही नहीं। इस बात का खुलासा भी खुद उस डॉक्टर की पर्ची से ही हो गया। बता दें कि इस पर्चे को 2012 में प्रिंट करवाया गया था, जो एक बार फिर से वायरल हो रहा है।
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इस वायरल हो रहे पोस्ट में एक पर्ची दिखाई दे रही है। ये पर्ची श्रीवास्तव क्लिनिक की है, जिसमें क्लिनिक का पता- जाहिदपुर, हरदोई लिखा हुआ है। जानकारी के अनुसार, इस क्लिनिक में दो डॉक्टर्स प्रैक्टिस करते थे। जिसमें से एक डॉ दिनेश श्रीवास्तव, जो बीएएमएस कर फिजिशियन और सर्जन बन गया था। जबकि दूसरे ने तो पॉलिटिकल साइंस में एमए करने के बाद अपने नाम के आगे डॉ लगा लिया था। ये दोनों व्यक्ति फर्जी डिग्री लेकर आराम से क्लिनिक चला रहे थे। लेकिन जब इस मामले का खुलासा हुआ तब डॉ दिनेश श्रीवास्तव ने बताया था कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि उनके नाम से हरदोई में कोई क्लिनिक भी है।
इस वायरल हो रहे पोस्ट के प्रिस्क्रिप्शन में डॉ साहब द्वारा लिखी दवाई भी देखी जा सकती है। जिसमें मरीज को डॉक्टर ने पैरासिटामोल और बिकासुल प्रिस्क्राइब किया था। ये दोनों ही दवाइयां आमतौर पर छोटी-मोटी समस्या होने पर घर में ही खाई जाती हैं। ऐसी ही दवाइयों के बदले ये डॉक्टर्स लोगों से फीस वसूलते थे। लेकिन जैसे ही ये प्रिस्क्रिप्शन सोशल मीडिया पर शेयर हुआ, लोगों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी। लोगों ने कमेंट में इन डॉक्टर्स को सीधे यमराज के पास जाने वाला दरवाजा बताया। तो वहीं किसी यूजर ने लिखा है कि आखिर कोई बीएएमएस कर सर्जन और फिजिशियन कैसे बन सकता है?
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