नई दिल्ली: दुनिया के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क में से एक इंडियन रेलवे प्रतिदिन 20 हजार से अधिक ट्रेनों का संचालन करती है और ये करीब सात हजार स्टेशनों से होकर गुजरती हैं. लेकिन क्या आपने कभी इस बात पर ध्यान दिया है कि रेलवे स्टेशन पर लगे नाम वाले बोर्ड का रंग एक ही […]
नई दिल्ली: दुनिया के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क में से एक इंडियन रेलवे प्रतिदिन 20 हजार से अधिक ट्रेनों का संचालन करती है और ये करीब सात हजार स्टेशनों से होकर गुजरती हैं. लेकिन क्या आपने कभी इस बात पर ध्यान दिया है कि रेलवे स्टेशन पर लगे नाम वाले बोर्ड का रंग एक ही जैसा क्यों रहता है और वो पीला ही क्यों रहता है, अन्य रंग क्यों नहीं. अगर नहीं जानते है तो आज हम आपको बताएंगे इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण.
भारत में बने हर एक रेलवे प्लेटफॉर्म पर स्टेशन का नाम पीले रंग के बोर्ड पर काले रंग से लिखा देखने को मिल जाता है. दरअसल रेलवे स्टेशन पर एक जैसा बोर्ड का रंग इसलिए रखा गया है, ताकि एकरूपता दिखे. अलग-अलग रंग होने पर ट्रेन के ड्राइवर को पहचान करने में परेशानी हो सकती है।
वहीं पीले रंग के चुनाव के पीछे का वजह ये है कि ये रंग दूर से ही दिखाई देता है और आंखों में चुभता नहीं है. इस वजह से ट्रेन के ड्राइवर को रेलवे स्टेशन दूर से ही नजर आ जाता है और इससे ट्रेन के लोको पायलट को सही प्लेटफार्म पर रुकने की जगह की जानकारी के साथ-साथ ट्रेन को खड़ा करने में सहायता मिलती है.
पीले रंग के चुनाव के पीछे का एक वजह यह भी हो सकता है कि ये आंखों को सुकून देता है. इसे देखने में किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होती और दूर से ही दिख जाता है. इससे ट्रेन के ड्राइवर को सतर्क रहने में सहायता मिलती है. पीले रंग के बोर्ड पर स्टेशन का नाम लिखने के लिए काले रंग का इस्तेमाल इसलिए किया जाता है क्योंकि पीले रंग पर काला रंग बिल्कुल क्लियर दिखाई देता है.