नई दिल्ली: केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में कई ऐसे लोग है जो गरीबी या अन्य कारणों की वजह से बीच में पढ़ाई छोड़ देते हैं. ऐसे ही एक 30 वर्षीय चीनी महिला की कहानी सामने आई है, जहां अपने परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से प्राथमिक स्कूल से आगे […]
नई दिल्ली: केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में कई ऐसे लोग है जो गरीबी या अन्य कारणों की वजह से बीच में पढ़ाई छोड़ देते हैं. ऐसे ही एक 30 वर्षीय चीनी महिला की कहानी सामने आई है, जहां अपने परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से प्राथमिक स्कूल से आगे नहीं पढ़ पाई थी. गरीबी के चलते प्राथमिक स्कूल से भगा दिया गया था, लेकिन कुछ ऐसा घटनाक्रम हुआ कि हांगकांग विश्वविद्यालय में पीएचडी की स्कॉलर बन गई।
दरअसल यह कहानी इन दिनों चीनी सोशल मीडिया पर टॉप ट्रेंड बनी हुई है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हांग कांग पॉलिटेक्निक यूनिवर्सिटी में यह महिला दूसरे वर्ष की पीएचडी छात्रा है. इस महिला का नाम जिओक्सि आओ है. जिओक्सि का कहना है कि मैंने अपने जैसा दूसरा मामला कहीं और नहीं देखा है, जो इतनी जल्दी स्कूल से बाहर हो गया और उसे बाद में पीएचडी की डिग्री के लिए अध्ययन करने का चांस मिला हो।
जिओक्सि आओ ने बताया कि प्राथमिक स्कूल से उसे पैसे ना होने की वजह से भगा दिया था, फिर पिता ने उसे परिवार के लिए पैसा कमाने के लिए कहा था. इसके बाद महिला ने बीजिंग शहर में एक प्रवासी श्रमिक के रूप में काम किया. रिपोर्ट के अनुसार इस लड़की का जन्म उत्तरी चीन के हेबेई प्रांत के एक साधारण परिवार में हुआ था।
जिओक्सि आओ जब 14 साल की थी तो उसकी पहली नौकरी उत्तरी चीन के शांक्सी प्रांत के एक रेस्तरां में वेट्रेस के रूप में हुई थी, इसके बाद कई जगहों पर ग्राहक सेवा कार्यकर्ता, प्रशासन सहायक, टेलीफोन बिक्री, हीटर इंस्टॉलर, कैशियर जैसी नौकरी करने के बाद जिओक्सि आओ की कहानी में ट्विस्ट आ गया, इसके बाद बीजिंग शहर में एक विश्वविद्यालय में स्नातक के लिए पढ़ने का मौका मिल गया. 2015 में 40 विषयों में उसने परीक्षा देकर पास कर ली. जिसके बाद आओ ने मास्टर डिग्री पास की और विश्वविद्यालय में पीएचडी डिग्री के लिए एडमिशन ले लिया. कई जगहों पर लेक्चर देने लगी और सोशल मीडिया पर छा गई है।
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