48 साल के ग्रेग मोंटेफेल नामक व्यक्ति को घर के पालतू कुत्ते ने खेलने के दौरान उन्हें चाट किया. कुत्ते की लार से ग्रेग को एक विशेष प्रकार का बैक्टीरियल इंफेक्शन हो गया. जिस कारण उन्हें अपने दोनों पैर गंवाने पड़े. बताया जा रहा है कि कुत्ते के चाटने से ग्रेग की पूरी बॉडी में छाले पड़ गए थे. पिछले महीने ही ग्रेग को फ्लू जैसे सिम्टम्स अपनी बॉडी में नजर आने लगे. इतना ही नहीं इसके साथ उन्हें तेज बुखार के साथ उल्टियां शूरू हो गई. इंफेक्शन इतना अधिक हो गया कि उनकी जान बचाने के लिए दोनों पैर काटने पड़े.
नई दिल्ली. अगर आपको अपने घर में कुत्ते या पिलनी पालना पसंद है तो ये खबर आपके लिए ही है. न्यूयार्क में पालतू कुत्ते के लार से इन्फेक्शन होने का एक अनोखा मामला सामने आया है. एक अंग्रेजी वेबसाइट की खबर के एक मुताबिक एक व्यक्ति की टांगे केवल इसीलिए काटी गई क्योंकि उसे अपने पालतू कुत्ते से इंफेक्शन हो गया था. इंफेक्शन इतना अधिक हो गया था कि मालिक की जान बचाने के लिए उसके हाथ पैर काटने पड़े. इस मामले के सामने आने के बाद इस पर काफी शोध किया जा रहा है.
48 साल के ग्रेग मोंटेफेल नामक व्यक्ति को घर के पालतू कुत्ते ने खेलने के दौरान उन्हें चाट किया. कुत्ते की लार से ग्रेग को एक विशेष प्रकार का बैक्टीरियल इंफेक्शन हो गया. जिस कारण उन्हें अपने दोनों पैर गंवाने पड़े. बताया जा रहा है कि कुत्ते के चाटने से ग्रेग की पूरी बॉडी में छाले पड़ गए थे. पिछले महीने ही ग्रेग को फ्लू जैसे सिम्टम्स अपनी बॉडी में नजर आने लगे. इतना ही नहीं इसके साथ उन्हें तेज बुखार के साथ उल्टियां शूरू हो गई.
धीरे धीरे उनकी बॉडी फूलने लगी. इसके साथ ही ग्रेग के हाथों और पैरों में सूजन रहने लगी. जब वह डॉक्टरों के पास गए और उनकी मेडिकल जांच करने बाद सामने आया कि उनमें कुत्ते के काटने के लक्षण हैं. हालत खराब होने के बाद उन्हें अस्पताल में उन्हें इमरजेंसी रूप में भर्ती कराया गया. जहां पता चला कि ग्रेग को ब्लड इंफेक्शन हो गया है.
इस इंफेक्शन का कारण कैपेनोसाइटोगा कैनिमोर्सस बैक्टीरिया था. ये बैक्टीरिया हेल्दी डॉग्स और कैट्स में पाया जाता है. ये इंफेक्शन यदि व्यक्ति को हो जाता है कि तो उनका इम्युन सिस्टम इस बीमारी से लड़ नहीं पाता है. नतीजन इंफेक्शन वाले हिस्से को काटना पड़ता है. ये इंफेक्शन होने के बाद ग्रेग के दोनों पैर काट दिए गए और नाक की भी प्लास्टिक सर्जरी की गई है.
जापान की 2014 में सामने आई रिसर्च के अनुसार कैपेनोसाइटोगा कैनिमोर्सस बैक्टीरिया 69 फीसदी हेल्दी कुत्तों और 54 फीसदी बिल्लियों के स्लाइवा में पाया जाता है. जानवरों के पास रहने उनके साथ बैठने-उठने से भी ये इंफेक्शन इंसान में हो जाता है.
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